कासगंज : उत्तर प्रदेश के जिला कासगंज की नगर पंचायत बिलराम में वित्तीय अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आया है। प्रबंधन ने 1 करोड़ 35 लाख 5 हजार रुपए का गोलमाल किया है। जांच पड़ताल के बाद घपला सिद्ध होने पर डीएम ने पंचायत अध्यक्ष से संबंधित धनराशि की रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर रिकवरी की धनराशि सरकारी खाते में जमा कराने को कहा है। इस आशय का नोटिस एसडीएम ने नगर पंचायत कार्यालय में चस्पा कर दिया है।
नगर पंचायत बिलराम में राज्य वित्त आयोग से 1 करोड़ 35 लाख 5 हजार का घपला किया गया है। इस मामले की शिकायत के बाद से जांच लगातार जारी थी। वहीं परतें खुलने के बाद डीएम हर्षिता माथुर ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने विकास कार्यों, खरीद-फरोख्त एवं अन्य मामलों में बरती गई लापरवाही के लिए पंचायत प्रबंधन को दोषी ठहराया है। पंचायत अध्यक्ष ज्योति सिंह से एक सप्ताह में गोलमाल की गई धनराशि की पूरी रकम सरकारी खाते में जमा करने को कहा है। एसडीएम पंकज कुमार ने इस आशय का नोटिस गुरुवार को पंचायत कार्यालय पर चस्पा कर दिया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।
डीएम कासगंज हर्षिता माथुर ने अपने आदेश में बिलराम नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति को लिखा है कि आपके द्वारा राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त धनराशि में से गाइड लाइन के विपरीत व्यय किए गए 1,35,05,000 (एक करोड पैंतीस लाख पांच हजार) रुपए की धनराशि का समायोजन जमा तत्काल राज्य वित्त आयोग के खाते में करते हुए एक सप्ताह के अंदर अवगत कराना सुनिश्चित करें।
आदेश में कहा गया है कि नियत समयावधि में आपके द्वारा उक्त धनराशि जमा न किए जाने की स्थिति में आपके विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा – 81 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए वसूली प्रमाण पत्र निर्गत कर उक्त धनराशि को भू – राजस्व के बकाए कि भांति वसूला जाएगा, जिस पर आने वाला व्ययभार भी आपको वहन करना होगा।
रिपोर्ट-अमित कुमार तिवारी
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