बरेली: बरेलवी उलेमा ने राजस्थान के उदयपुर में हिंदू दर्जी की हत्या पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए निंदा की है। उर्दू पत्रिका में प्रकाशित लेख में मुफ्ती सलीम ने लिखा कि आज कुछ खूंखार समझ बैठे हैं कि पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने वाले का सिर तन से जुदा करना गुनाह है। अपने हाथ में कानून लेकर किसी की हत्या करना जुर्म है। ऐसा इंसान इस्लाम की नजर में मुजरिम है, जिसे सजा न्यायपालिका देगी।
उदयपुर घटना के संदर्भ में आला हज़रत इमाम अहमद रजा बरेलवी साहब के फतवे का जिक्र करते हुए मुफ्ती ने लिखा कि किसी आम नागरिक द्वारा किसी की हत्या करना खुद जुर्म है। आला हजरत ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे पैगंबर की शान मे गुस्ताखी की सजा उन देशों में कि जहां इस्लामिक कानून है, वहां मौत की सजा है। जैसे हमारे देश भारत में बहुत से जुर्म में मौत की सजा का प्रावधान है। परंतु यह सजा कोई आम आदमी या नागरिक ना देगा बल्कि न्याय पालिका, कोर्ट कचहरी देंगी।
उन्होंने आगे लिखा कि कुरान शरीफ में खुदा ने फरमाया है कि ‘अपने हाथों अपने आपको हलाकत में मत डालो।’ शरीयत की रोशनी में सिर्फ ऐसे गुस्ताख की जुबान से निंदा करना और आम लोगों को उससे मेल-जोल रखने से रोकना और हुकूमत के जिम्मेदारों तक शिकायत पहुंचाना और कोर्ट में मुकदमा करना काफी है, ताकि उस व्यक्ति पर मुकदमा कायम हो सके। अपने आप ही कानून को हाथ में लेकर किसी आम व्यक्ति द्वारा उस मुजरिम और गुस्ताख को सजा देना जायज नहीं है।
बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने की वजह से मौत के घाट उतारे गए कन्हैयालाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘किसी गुस्ताखे नबी को हुकूमत की इजाजत के बगैर सजा देना या कत्ल करना। या फिर सर तन से जुदा करना आला हजरत के फतवे की रौशनी मे गुनाह और जुर्म है। ऐसा शख्स सजा के लायक और मुजरिम है।’
(इनपुट्स- आर. बी. लाल, बरेली)
More Stories
पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना में मप्र में 22 बांधा, एमपी के 13 सौंदर्य को मिलेगा फायदा
झारखंड में भाजपा ने 30 बागी प्रत्याशियों को पार्टी से निकाला
CBSE Exam 2025: इस तारीख से शुरू होगी CBSE 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा, छत्तीसगढ़ में इतने स्टूडेंट्स देंगे एग्जॉम