कैम्पा : वर्ष 2022-23 के अंतर्गत 300 करोड़ रूपए से 29 लाख से अधिक संरचनाओं का होगा निर्माण  – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कैम्पा : वर्ष 2022-23 के अंतर्गत 300 करोड़ रूपए से 29 लाख से अधिक संरचनाओं का होगा निर्माण 

छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत ‘नरवा विकास’ कार्यक्रम में राज्य के वनांचल स्थित 01 हजार 503 छोटे-बड़े नालों में 29 लाख से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। इसके निर्माण के लिए 300 करोड़ 52 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इससे 6.26 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार का लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तादाद में जल स्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि इसके तहत प्रदेश के अंतर्गत 02 राष्ट्रीय उद्यान, 03 टाईगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व सहित 24 जिलों के 32 वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद से बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही नाले में पानी का भराव रहने से आस-पास की भूमि में नमी बनी रहेगी। इससे खेती-किसानी में सुविधा के साथ-साथ आय के स्रोत और हरियाली में भी वृद्धि होगी।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के 50 नालों में 10 करोड़ की राशि से 97 हजार 333, इन्द्रावती टायगर रिजर्व के अंतर्गत 64 नालों में 13 करोड़ की राशि से 01 लाख 24 हजार तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के 6 नालों में 1.20 करोड़ की राशि से 11 हजार 621 संरचानाओं का निर्माण होगा। इसी तरह एलिफेंट रिजर्व तोमर पिंगला के 57 नालों में 11.49 करोड़ की राशि से 01 लाख 11 हजार, अचानकमार टाईगर रिजर्व के 46 नालों में 9.03 करोड़ की राशि से 90 हजार 166तथा गोमर्डा अभ्यारण्य के 23 नालों में 4.57 करोड़ रूपए की राशि से 46 हजार संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा। उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के 8 नालों में 1.70 करोड़ रूपए से 16 हजार 464, बारनावापारा अभ्यारण्य के 15 नालों में 03 करोड़ रूपए से 29 हजार और कवर्धा-भोरमदेव अभ्यारण्य के 12 नालों में 2.50 करोड़ रूपए की राशि से 24 हजार 212 भू-जल संबंधी संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा।

इसी तरह वन मंडलवार खैरागढ़ के 34, बालोद के 07 राजनांदगांव के 24, कवर्धा के 48 तथा बिलासपुर के 40 नालों में सरंचानाओं का निर्माण होगा। इसके अलावा वनमंडलवार  मरवाही के 86 नालों, कोरबा के 27 नालों, कटघोरा के 30 नालों, रायगढ़ के 18 नालों, धरमजयगढ़ के 22 नालों, जांजगीर-चांपा के 14 और मुंगेली के 22 नालों में संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। गरियाबंद के 67 नालों, बलौदाबाजार के 06 नालों, धमतरी के 44 नालों, महासमुंद के 40 नालों में संरचानाओं का निर्माण होगा। इसके अलावा कांकेर के 49 नालों, पूर्व भानुप्रतापपुर के 29 नालों, पश्चिम भानुप्रतापपुर के 37 नालों, केशकाल के 35 नालों, दक्षिण कोण्डागांव के 59 नालों, नारायणपुर के 43 नालों, सुकमा के 32 नालों बस्तर के 56 नालों, बीजापुर के 37 नालों, दंतेवाड़ा के 25 नालों में संरचनाओं का निर्माण होगा। इसी तरह जशपुर के 23 नालों, सरगुजा के 32 नालों, सूरजपुर के 33, बलरामपुर के 51 नालों, कोरिया के 87 नालों तथा मनेन्द्रगढ़ के 48 नालों में संरचानाओं का निर्माण किया जाएगा।