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मथुरा की अदालत में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण में एक साथ नौ वादों और करीब 15 प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होगी। श्रीकृष्ण विराजमान और ठाकुर केशवदेव के भक्त बनकर अदालत में याचिका दाखिल करने वाले वादीगण सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक साथ सामने होंगे। सभी वादों में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने की मांग की गई है।
जमीन से कब्जा हटवाने के लिए सबसे पहला वाद 25 सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किया था, जिसमें यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट व श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया।
रंजना का वाद जिला जज ने सुनवाई योग्य माना
रंजना अग्निहोत्री के वाद को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने 30 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया था। वादी ने 12 अक्तूबर 2020 को जिला जज की अदालत में रिवीजन दाखिल किया। जिला जज ने इसे सुनवाई योग्य माना और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई के लिए भेजा।
इस वाद के बाद श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर करने का सिलसिला शुरू हो गया। अदालत में दाखिल किए गए वादों में से नौ वादों में वादकारियों द्वारा दिए गए विभिन्न प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई शुक्रवार को होनी है। इन सभी वादों में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने एक जुलाई की तारीख तय की गई है।
इन वादों में होनी है सुनवाई
ठाकुर केशव देव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव में जय भगवान गोयल, सौरभ गौड़, राजेंद्र माहेश्वरी व महेंद्र प्रताप सिंह वाद संख्या 950/20।
हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव के वाद संख्या 152/21।
मंदिर कटरा केशवदेव के सेवायत पवन कुमार शास्त्री के वाद संख्या 107/20।
अनिल कुमार त्रिपाठी के वाद संख्या 252/21।
दिनेश चंद शर्मा के वाद संख्या 174/21।
जितेंद्र सिंह विशेन के वाद संख्या 620/21।
गोपाल गिरी के वाद संख्या 683/21।
पंकज सिंह के वाद संख्या 777/21।
रंजना अग्निहोत्री आदि के वाद में होनी है सुनवाई।
इन प्रार्थना पत्रों पर भी होनी है सुनवाई
महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट कमीशन नियुक्त करने, ईदगाह परिसर का आर्किलोजिकल सर्वे कराने, यथास्थिति कायम करने, रिसीविर नियुक्त करने सहित करीब सात प्रार्थना पत्र सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दिए हुए हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने ईदगाह में लड्डू गोपाल का अभिषेक और पूजा करने, गंगाजल से ईदगाह को शुद्ध करने, माइक पर अजान बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किए हैं। मनीष यादव ने ईदगाह परिसर की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से कराए जाने और आर्किलोजिकल सर्वे कराने के लिए प्रार्थना पत्र अदालत में दिया है।
विस्तार
मथुरा की अदालत में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण में एक साथ नौ वादों और करीब 15 प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होगी। श्रीकृष्ण विराजमान और ठाकुर केशवदेव के भक्त बनकर अदालत में याचिका दाखिल करने वाले वादीगण सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक साथ सामने होंगे। सभी वादों में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने की मांग की गई है।
जमीन से कब्जा हटवाने के लिए सबसे पहला वाद 25 सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किया था, जिसमें यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट व श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया।
रंजना का वाद जिला जज ने सुनवाई योग्य माना
रंजना अग्निहोत्री के वाद को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने 30 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया था। वादी ने 12 अक्तूबर 2020 को जिला जज की अदालत में रिवीजन दाखिल किया। जिला जज ने इसे सुनवाई योग्य माना और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई के लिए भेजा।
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