मेरठ: यूपी के बिजनौर जिले के गन्ना विभाग में 52 लाख रुपये के खाद घोटाले का खुलासा हुआ है। जिला गन्ना अधिकारी की रिपोर्ट के बाद गोदाम सुपरवाइजर से इस पैसे की रिकवरी की जाएगी। शासन के आदेश पर सहकारी समितियों के खाद गोदामों की 2014-2015 से लेकर 2019-20 तक की जांच हुई थी। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह के मुताबिक, तभी बिजनौर में गन्ना समिति स्योहारा के खाद गोदाम की भी जांच की गई थी। 2019 में हुई जांच में वहां से डीएपी, दवाइयां, एनपीके और यूरिया खाद गायब मिला था।
जांच टीम ने 2020 में रिपोर्ट सौंपी थी। कुछ तकनीकी कारण से अफसरों ने दोबारा एक टीम से जांच कराई थी। टीम में तत्कालीन अपर सांख्यिकी अधिकारी गन्ना विकल भारती, सचिव धामपुर मनोज, ऑडिटर फतेह सिंह, लेखाकार संजीव त्यागी, सूरज सिंह लेखाकार ने 31 मार्च 2022 को अपनी रिपोर्ट में 52 लाख का घोटाला होने का खुलासा किया था।
जिला गन्ना अधिकारी के मुताबिक, सदाफल, मुकरपुर, मेवा नवादा खाद गोदामों में भी 29 लाख 81 हजार 562 रुपये का घोटाला हुआ था। खाद गोदाम पर 5743 कट्टे यूरिया, 195 कट्टे डीएपी, 324 कट्टे एनपीके, जैव उर्वरक 1031 लीटर आदि गायब मिले थे। इफको, कृभको का करीब 17 लाख का डीएपी और एनपीके खाद समितियों पर नहीं पहुंचा था। जांच में खाद गोदामों पर करीब 52 लाख का घोटाला सामने आया। उप गन्ना आयुक्त को आरोपियों से रिकवरी कराने की सिफारिश की गई है।
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