रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर पुलिस अधीक्षक (एसपी) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने लड़कियों के घर छोड़कर चले जाने से जुड़ी शिकायत करने वाले मां-बाप को जेल भेजने की बात कही है। उन्होंने लोगों से पूछा कि ऐसे लोगों ने किसके भरोसे पैदा करके लड़की को छोड़ दिया है। एसपी के इस बयान के बाद मंच से नीचे बैठे लोगों ने जमकर तालियां भी बजाईं। हालांकि बाद में उन्होंने लेटर जारी कर कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी। वह पीड़ित परिवार की वैधानिक और प्रशासनिक तरीके से मदद करते हैं। साथ ही अपने बयान पर खेद जाहिर किया। इससे पहले उन्होंने धर्म के ठेकेदारों से कहा कि जो बच्चे पंचर जोड़ते है, उनके हाथ में कलम दें। ऐसा नहीं होने पर ये हाथ में चाकू, कट्टा लेकर निकलते है और मेरा काम बढ़ जाता है।
दरअसल रामपुर में उप चुनाव शांतिपूर्वक निपट जाने के बाद पुलिस लाइन में एसपी अशोक कुमार शुक्ला की अगुवाई में एक सद्भावना गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों के अलावा काफी लोग मौजूद थे। एसपी ने जिले का एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बड़ा तमाशा सिविल लाइन में हुआ था।कोई मुस्लिम लड़की थी किसी हिंदू लड़के के साथ या यह हिंदू लड़की थी मुस्लिम लड़के के साथ जा रही थी। उन्होंने कहा कि आप लोग देखिए अपने परिवार में ऐसा क्यों हो रहा है। मैं तो उन मां-बाप को जेल भेजना चाहूंगा, जो ये शिकायत लेकर आएंगे कि उनकी लड़की चली गई है।
एसपी ने पूछा, पैदा कर किसके भरोसे छोड़ा
एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने इन शिकायतों पर सवाल किया कि पैदा करके छोड़ दिया है, किस के भरोसे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि एक दो बच्चे बहुत हैं, जिनकी परवरिश कर सको। फौज खड़ी करने से कुछ नहीं होगा। आप न उसको तालीम दे पाओगे न कोई सुझाव दे पाओगे।
धर्म के ठेकेदार बच्चों को कलम दें
एसपी ने कहा कि धर्म से उठकर में ये बात कह रहा हूं। सब जगह लागू होती है, किसी के धर्म आड़े आता हो तो कृपया उन बच्चों को पढ़ाए जो पढ़ने नहीं जा रहे हैं। धर्म के ठेकेदारों को चुनौती देते हुए कहा कि जो बच्चे पंचर जोड़ते हैं, उनके हाथों में कलम देने यानी पढ़ाई कराने का कोई रास्ता निकालें। ऐसा नहीं हुआ तो वो कट्टा, चाकू लेकर घूमते हैं फिर मेरा (पुलिस का) काम बढ़ जाता है। वहीं आखिरी में उन्होंने कहा कि बात करने में कहीं व्याकरण गलत हो भाव को समझिएगा। शब्द और व्याकरण गलत हो सकता है, भाव गलत नहीं है।
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