ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, सोनभद्र: सोनभद्र (Sonbhadra) मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर मऊ कला गांव स्थित विजयगढ़ दुर्ग (Vijaygarh Fort) चंद्रकांता की अमर प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाता है। नौगढ़ के युवराज के संग उसकी प्रेम कहानी को लेकर बना टीवी सीरियल चंद्रकांता प्रसारित हुआ था, जो काफी लोगो मे लोकप्रिय रहा। चंद्रकांता धारावाहिक से ख्याति प्राप्त कर चुके इस तिलस्म दुर्ग की खासियत है कि दुर्ग के अंदर से गुफा के जरिए नौगढ़ और चुनारगढ़ किले के लिए रास्ता बना है। यह रास्ता तिलस्म से ही खुलता है। इस दुर्ग का खजाना भी इन्हीं गुफाओं में छिपे होने की संभावना अक्सर लोग जताते है। दुर्ग के ऊपर बने छोटे-बड़े सात तालाब हैं। इनमें रामसरोवर तालाब और सीता तालाब में कभी पानी नहीं सूखता।
किले पर घूमने आए पर्यटक सूरज वर्मा का कहना है कि तिलस्मी विजयगढ़ दुर्ग की दीवारें अब जगह-जगह से गिर रही हैं।दीवारें गिरने से कुछ दिनों में इनका अस्तित्व समाप्त होने की बात कही जा रही है। इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण पर सरकार न ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में यह तिलिस्मी दुर्ग महज इतिहास बनकर रह जाएगा।
यही से शुरू होती है शिवद्वार के लिए यात्रा
विजयगढ़ दुर्ग का आधा क्षेत्र कैमूर की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। श्रावण के हिंदू महीने में कांवरिया भगवान शिव के भक्त अपने घरों से पैदल चल आते है। करीब 400 फिट तिलस्मी विजयगढ दुर्ग पर चढ़ाई कर ऊपर बने राम सागर पोखरा से पानी इकट्ठा कर शिवद्वार के लिए अपनी पवित्र यात्रा शुरू करते हैं। वही किले पर ही मुस्लिम संत की क़ब्र बनी हुई है। मीरानशाह बाबा को समर्पित उर्स मेले का आयोजन प्रत्येक वर्ष किया जाता है।
खाजाना छिपे होने की भी होती है चर्चा
सोनभद्र जिले के वरिष्ठ समाजसेवी अजय शेखर का कहना है। संभवतः तिलस्मी विजयगढ दुर्ग का निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया था। इस किले पर कई बार आक्रमण भी हुए, लेकिन यह किला कभी शेरशाह सूरी और चेत सिंह के कब्जे में भी रहा है। वर्तमान समय में तो स्वंत्रत ही है। यह किला रहस्यों से भरा हुआ है। किले के अंदर खजाना भी छिपे होने की संभावना अक्सर लोगों ने जताई है। दुर्ग के ऊपर बने रामसरोवर तालाब और सीता तालाब में कभी पानी सूखता है।
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