आईएएनएस
चंडीगढ़, 25 जून
पंजाब के गैंगस्टरों को खत्म करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को व्यापक कानून और व्यवस्था सुधार पेश करने की घोषणा की।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा को समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गैंगस्टर गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि व्यापक कानून व्यवस्था सुधार लाना समय की मांग है।
मान ने कहा कि सरकार जल्द ही गवाह संरक्षण विधेयक पेश करेगी और राज्य की जेलों को उच्च सुरक्षा वाली जेलों में बदल देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही एडीजीपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन कर चुकी है। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स को गैंगस्टरों के प्रति जीरो टॉलरेंस अपनाने और बिना किसी डर और पूर्वाग्रह के काम करने का निर्देश दिया गया है, इस उद्देश्य के लिए बल को अग्रिम सुविधाओं और संसाधनों से लैस किया जा रहा है।
मान ने कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) जिला पुलिस, खुफिया विंग और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर जरूरत-आधारित अभियान शुरू कर रही है ताकि सीमा पार से नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन सरकार के लोकाचार के मूल में है, जो पिछले 100 दिनों में अपने कार्यों में विधिवत साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार बनने के पहले कुछ दिनों के भीतर भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन शुरू की गई और कुछ ही समय में 29 मामले दर्ज किए गए और 47 गिरफ्तारियां की गईं।
मान ने कहा कि सरकार ने अपने ही कैबिनेट मंत्री के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, “इस सदन की दीवारों ने इतनी सारी सरकारें देखी हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी अतीत में इस हद तक भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की है।”
शिक्षा के मामले में मुख्यमंत्री ने बहु-आयामी सुधार लाने की घोषणा की, सरकारी स्कूलों को जोड़कर ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में तब्दील किया जाएगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा मिले, सरकार न केवल अत्याधुनिक सरकारी स्कूलों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि निजी स्कूलों की फीस को विनियमित करने के लिए उन्हें इस साल से मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दे रही है।
मान ने कहा कि 2016 के शुल्क अधिनियम का उल्लंघन करने वाले स्कूलों का अनापत्ति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाएगा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
साथ ही, स्कूलों को अब माता-पिता को किसी विशेष दुकान से किताबें या वर्दी खरीदने के लिए मजबूर करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मूल में हैं, लेकिन लगातार सरकारों द्वारा शिक्षकों के कल्याण की अक्सर उपेक्षा की जाती रही है।
मान ने कहा कि सरकार ने पहले ही रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 5,994 ईटीटी शिक्षकों और 8,393 प्री-प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने कहा कि अब से शिक्षकों को कोर-टीचिंग कार्यों के लिए तैनात किया जाएगा और गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए एक अलग कैडर बनाया जाएगा। आईएएनएस
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