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मेरठ शहर में जलस्तर का रोजाना पता करने के लिए अब लगभग 50 स्थानों पर पीजोमीटर और डिस्ट्रिल वाटर रिकॉर्डर लगा दिए गए हैं। दिन में दो बार सुबह और शाम नेटवर्किंग की मदद से सर्वर पर जल स्तर का आंकड़ा अपडेट होता है। शहर में शास्त्रीनगर स्थित कुटी चौराहा और नौचंदी में जलस्तर 26.39 मीटर गहराई तक पहुंच गया है। साल 2017 के बाद आई रिपोर्ट में मेरठ शहर अतिदोहित श्रेणी में ही शामिल है। ये आंकड़ा आने वाले जल संकट की आहट है।
जलस्तर को ठीक करने के लिए सरकार से लेकर सामाजिक संगठन लगातार अभियान चला रहे हैं। इसके बाद भी हालात लगातार खराब हो रहे हैं। मेरठ शहर को अतिदोहित श्रेणी से बाहर निकालने के लिए ठोस पहल की जरूरत है। इसी के तहत अब घर में लगे समर्सिबल का भी रजिस्ट्रेशन भूगर्भ वेबसाइट पर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा पानी का दोहन करने पर अधिकतम दो लाख रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।
वाटर रिकॉर्डर ऐसे करता है कार्य
पीजोमीटर के ऊपर लगा वाटर रिकॉर्डर में एक सिम लगा होता है। ये विभाग के सर्वर से नेटवर्किंग से जुड़ा रहता है। पीजोमीटर की मदद से भूगर्भ जल का स्तर पता चलता रहता है। इस तरह से सुबह और शाम का आंकड़ा वेबसाइट पर अपडेट होता रहता है।
यह भी पढ़ें: Meerut: लिसाड़ीगेट मे लकड़ी की दुकान में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर खाक, सात दमकल गाड़ियों ने पाया काबू
बन रहा जल सुरक्षा प्लान
खरखौदा, रजपुरा में जलस्तर अधिक नीचे होने के कारण जल सुरक्षा प्लान बनाया गया है। मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अटल भूजल योजना की समीक्षा की गई।
इसमें गांवों में तालाब, जलकुंड, पानी बचाने के लिए जागरूकता सहित अन्य कार्यों पर गांववासियों को जागरूक किया जाना है। इसके लिए 53 ग्राम पंचायतों में जल सुरक्षा प्लान को स्वीकृत किया जा चुका है।
22 जून की शाम का जलस्तर (मीटर में)
नौचंदी- 26.39, कुटी चौराहा – 25.68, काजीपुर- 24.20, जेलचुंगी – 24.03, चौधरी चरण सिंह विवि – 22.38, कैंट – 21.32, खरखौदा – 21.29, रजपुरा – 21.17, सुभारती – 14.44
विस्तार
मेरठ शहर में जलस्तर का रोजाना पता करने के लिए अब लगभग 50 स्थानों पर पीजोमीटर और डिस्ट्रिल वाटर रिकॉर्डर लगा दिए गए हैं। दिन में दो बार सुबह और शाम नेटवर्किंग की मदद से सर्वर पर जल स्तर का आंकड़ा अपडेट होता है। शहर में शास्त्रीनगर स्थित कुटी चौराहा और नौचंदी में जलस्तर 26.39 मीटर गहराई तक पहुंच गया है। साल 2017 के बाद आई रिपोर्ट में मेरठ शहर अतिदोहित श्रेणी में ही शामिल है। ये आंकड़ा आने वाले जल संकट की आहट है।
जलस्तर को ठीक करने के लिए सरकार से लेकर सामाजिक संगठन लगातार अभियान चला रहे हैं। इसके बाद भी हालात लगातार खराब हो रहे हैं। मेरठ शहर को अतिदोहित श्रेणी से बाहर निकालने के लिए ठोस पहल की जरूरत है। इसी के तहत अब घर में लगे समर्सिबल का भी रजिस्ट्रेशन भूगर्भ वेबसाइट पर कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा पानी का दोहन करने पर अधिकतम दो लाख रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।
वाटर रिकॉर्डर ऐसे करता है कार्य
पीजोमीटर के ऊपर लगा वाटर रिकॉर्डर में एक सिम लगा होता है। ये विभाग के सर्वर से नेटवर्किंग से जुड़ा रहता है। पीजोमीटर की मदद से भूगर्भ जल का स्तर पता चलता रहता है। इस तरह से सुबह और शाम का आंकड़ा वेबसाइट पर अपडेट होता रहता है।
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बन रहा जल सुरक्षा प्लान
खरखौदा, रजपुरा में जलस्तर अधिक नीचे होने के कारण जल सुरक्षा प्लान बनाया गया है। मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अटल भूजल योजना की समीक्षा की गई।
इसमें गांवों में तालाब, जलकुंड, पानी बचाने के लिए जागरूकता सहित अन्य कार्यों पर गांववासियों को जागरूक किया जाना है। इसके लिए 53 ग्राम पंचायतों में जल सुरक्षा प्लान को स्वीकृत किया जा चुका है।
22 जून की शाम का जलस्तर (मीटर में)
नौचंदी- 26.39, कुटी चौराहा – 25.68, काजीपुर- 24.20, जेलचुंगी – 24.03, चौधरी चरण सिंह विवि – 22.38, कैंट – 21.32, खरखौदा – 21.29, रजपुरा – 21.17, सुभारती – 14.44
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