नोएडा: नोएडा (Noida) के सुपरटेक ट्विन टावर (Twin Tower) को ध्वस्त किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 21 अगस्त को ट्विन टावर तोड़े जाने के दिन सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम होंगे। 500 सुरक्षाकर्मियों को बिल्डिंग के आसपास के इलाकों में सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट में लगाया जाएगा। इसको लेकर प्लानिंग को अंतिम रूप दिया जाना शुरू किया गया है। भवन को गिराने वाली निजी कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के मसले पर वे मंगलवार को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। भवन के खंभों को कमजोर करने के लिए ड्रिलिंग और उसके बाद विस्फोटक लगाने का कार्य एक अगस्त से शुरू किए जाने की योजना है।
ड्रिलिंग और विस्फोटक लगाए जाने का कार्य शुरू किए जाने के दिन से ही सुरक्षा के प्रबंध किए जाने की बात कही जा रही है। पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी एपेक्स औ सायन पर रखेगी। कंपनी सूत्रों का कहना है कि करीब 25 पुलिसकर्मी परिसर की रखवाली करेंगे। वे केवल अधिकृत कर्मचारियों को ही अंदर आने की इजाजत देंगे। बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए पलवल से ट्रक से विस्फोटक नोएडा लाया जाएगा। इसकी भी रखवाली के लिए पुलिस की टीम मौजूद रहेगी। इसका अभ्यास करीब तीन सप्ताह तक जारी रहेगा। भवन को विस्फोट किए जाने से पहले साइट के निरीक्षण के बाद पुलिस की मंजूरी ली जाएगी।
डीसीपी मुख्यालय मीनाक्षी कात्यायन ने कहा कि दो इमारतों पर विस्फोटक लगाकर उसको ध्वस्त किए जाने के मामले में एक विस्तृत सुरक्षा योजना तैयार की गई है। ट्विन टावर के आसपास सुरक्षा के अलावा पुलिस को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और कुछ इंटरनल सड़कों पर यातायात का प्रबंधन करने की भी आवश्यकता होगी। ड्रिल के हिस्से के रूप में एम्बुलेंस, फायर टेंडर, पर्याप्त पानी के स्प्रे और अन्य आपातकालीन सेवाओं को भी स्टैंडबाय पर रखा जाएगा।
एडिफिस के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने कहा कि हम सुरक्षा उपायों पर चर्चा के लिए मंगलवार को पुलिस कमिश्नर से मिलने की योजना बना रहे हैं। एक बार जब हम विस्फोटकों के साथ कॉलम चार्ज करना शुरू कर देंगे तो पुलिस की तैनाती शुरू हो जाएगी। कॉलम चार्ज करने के लिए प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में विस्फोटक साइट पर लाया जाएगा। यदि पूरी मात्रा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा तो इसे वापस मैगजीन में भेज दिया जाएगा। उसे अगले दिन फिर लाया जाएगा। जिस दिन से कॉलम चार्जिंग शुरू होगी, परिसर एक हाई सिक्यूरिटी जोन में बदल जाएगा।
विध्वंस के दिन, एक्सप्रेसवे और आसपास की अन्य सड़कों पर दोपहर में लगभग 30 मिनट के लिए यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस समय इमारत को पूरी तरह से धराशायी कर दिया जाएगा। दोनों टावरों के 200 मीटर के दायरे में किसी भी निवासी को उनके घरों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी व्यक्ति या वाहन परिसर के पास न जाए। भवन के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की एक टीम मंगलवार को साइट का निरीक्षण करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि करीब 9 हजार छेद किए गए थे। अब उन्हें लोहे की जाली और जियो टेक्सटाइल कपड़े से लपेटा जा रहा है।अधिकारियों ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट के तीन टावर और एटीएस ग्रीन्स विलेज के चार टावर का संरचनात्मक सर्वेक्षण किया गया है। ये ट्विन टावर के 50 मीटर के भीतर हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट का विश्लेषण सीबीआरआई द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा एमराल्ड कोर्ट और दो टावरों के बीच जमीन पर कंटेनरों के जरिए बैरिकेट किया जाएगा ताकि विस्फोट के दिन आवासीय भवनों और भूमिगत पार्किंग को उड़ने वाले मलबे से बचाया जा सके।
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