उत्तर प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए किये जा रहे डिजिटल मार्केटिंग की कड़ी में नया अध्याय जोड़ने जा रही है। प्रथम चरण में प्रदेश की एक लाख एमएसएमई इकाईयों को भारत सरकार के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम द्वारा संचालित वेबसाइट ूूूण्उेउमउंतजण्बवउ पर ऑनबोर्ड कराया जायेगा। इसके लिए शीघ्र ही राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के साथ समझौता किया जायेगा।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई, डा0 नवनीत सहगल की अध्यक्षता में एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार के मिनी रत्न सेन्ट्रल पब्लिक सेक्टर इन्टरप्राइजेज (सीपीएसई) तथा राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई। एनएसआईसी ने उन इकाइयों के लिए पोर्टल की सेवाओं की पेशकश की है, जो ओडीओपी क्रांति का हिस्सा हैं, ताकि उन्हें दुनिया भर में खरीदारों तक पहुंचने में मदद मिल सके।
अपर मुख्य सचिव ने एनएसआईसी मंच और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली कार्यक्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनएसआईसी के सहयोग से उत्तर प्रदेश की एमएसएमई को रियायती दरों पर डिजिटल मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। ये सेवाएं वेबसाइट ूूूण्उेउमउंतजण्बवउ पर एक महीने के लिए मुफ्त और उसके बाद सब्सिडी वाले वार्षिक सदस्यता मॉडल के माध्यम से उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा प्रथम चरण मंे प्रदेश की एक लाख एमएसएमई को इस पर ऑनबोर्ड कराया जायेगा। उसके पश्चात चरणबद्ध तरीके से समस्त इकाइयों को इस पोर्टल पर ऑन बोर्ड कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि ओडीओपी उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग हेतु फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी ख्याति प्राप्त कंपनियों से समझौता किया गया है, जिसके परिणाम में उत्साहजनक है। प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों के मार्केटिंग का डिजिटल प्लेटफार्म मिलने से उनके उत्पाद देश एवं विदेशों में ग्राहकों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
एनएसआईसी के श्री विद्या सागर सिंह ने एनएसआईसी के ई-मार्केटिंग पोर्टल, एमएसएमई ग्लोबल मार्ट (बी2बी पोर्टल) का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने बताया कि यह पोर्टल एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को उनके घर पर डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध करायेगा। इसके साथ ही डिजिटल कैटलॉग बनाने, उत्पादों और सेवाओं को चौबीस घण्टे प्रदर्शित करने तथा कीवर्ड आधारित असीमित निविदा अलर्ट द्वारा सार्वजनिक खरीद की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त एल-1 का विवरण रखने के लिए अनुबंध की जानकारी देने में मदद भी दी जायेगी। बोलीदाता और दरें जिस पर पूर्व में निविदा प्रदान की गई थी, देश विशिष्ट वैश्विक निविदा नोटिस, व्यापार व्यापार लीड (खरीदें/ बेचें), और फ्रेंचाइजी, उप-अनुबंध और वितरण का अवसर भी मिलेगा।
बैठक में श्री मनीष चौहान, आयुक्त और निदेशक, उद्योग और श्री प्रशांत शर्मा, विशेष सचिव, एमएसएमई विभाग के साथ एनएसआईसी और एनआईएससी के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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