Ranchi : हजारीबाग की मेयर के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने हज़ारीबाग़ नगर निगम के नगर आयुक्त और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने सरकार और हज़ारीबाग़ निगम आयुक्त से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हुई. हज़ारीबाग़ की मेयर रौशनी तिर्की की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुभाषिस रसिक सोरेन ने अदालत में पक्ष रखते हुए बताया कि हज़ारीबाग़ नगर निगम के आयुक्त सभी नियमों को दरकिनार कर मनमानी कर रहे हैं. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता मोहन दुबे अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. पढ़ें – रिपोर्ट : महामारी के बाद भारतीय लोग आपात स्थिति से निपटने की स्थिति में नहीं, 27 फीसदी के पास ही है पर्याप्त फंड
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नगर आयुक्त अधिकारों का हनन कर रहे
प्रार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपनी बहस के दौरान कहा कि नगर आयुक्त चुने हुई जनप्रतिनिधि के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. मेयर की सहमति के बग़ैर करोड़ों के बजट पारित कर पैसे का दोहन करने और बिना स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के एजेंडा तय करने की जानकारी भी उन्होंने अदालत को दी. हज़ारीबाग़ की मेयर ने नगर आयुक्त की कार्यशैली के ख़िलाफ़ झारखंड हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि नगर आयुक्त उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं.
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