समाज सुधार और सम्पूर्ण मानवता के लिए कबीर के बताए मार्ग आज भी प्रासंगिक: श्री अकबर, कबीर साहेब के प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए वन मंत्री श्री अकबर, भेदभाव और कुरीतियों को नहीं मानता कबीरपंथ, वन मंत्री श्री अकबर का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम, श्री अकबर ने कहा- – Lok Shakti

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समाज सुधार और सम्पूर्ण मानवता के लिए कबीर के बताए मार्ग आज भी प्रासंगिक: श्री अकबर, कबीर साहेब के प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए वन मंत्री श्री अकबर, भेदभाव और कुरीतियों को नहीं मानता कबीरपंथ, वन मंत्री श्री अकबर का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम, श्री अकबर ने कहा-

मंत्री श्री मोहम्मद अकबर आज जिला मुख्यालय कवर्धा के वीर सावरकर भवन में मानिकपुरी पनिका समाज द्वारा आयोजित कबीर प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यकालीन भारत के महान भक्त कवि तथा समाज सुधारक संत कबीरदास द्वारा बताए गए मार्ग आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने अपने दोहे के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, धार्मिक पाखण्ड और रूढ़िवादिता पर कड़ा आघात किया। देश व समाज के हित में उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना आज भी हम सभी के लिए जरूरी है।
वन मंत्री तथा कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री अकबर के आगमन पर समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। समाज के पदाधिकारियों ने समाज की विशेषताएं एवं उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही मंत्री के सामने समाज के उत्थान के लिए आवश्यक मांगे रखी। साहेब बंदगी साहेब के उद्गार के साथ मंत्री श्री अकबर ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कबीरपंथ का स्वरूप अत्यंत व्यापक है, जिसमें विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग समाहित हैं। उन्होंने इस दौरान समाज की ओर से की गई मांग पर कबीर कुटी में एक किचन शेड, एक शौचालय तथा बाउंड्री वॉल के निर्माण कार्य को तत्काल स्वीकृत किया।
वन मंत्री ने कहा कि मध्यकालीन समय में कबीर साहेब ऐसे संत हुए, जिन्होंने बाह्य आडंबर और सामाजिक कुरीतियों पर चोट किया। वे रूढ़िवाद के खिलाफ थे और धार्मिक ढकोसलों से दूरी बना करके रखी। उन्होंने कहा कि कबीर के दोहे और उनके विचार इतने उच्च स्तर के हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ‘‘साईं इतना दीजिए जामे कुटुम्ब समाय, मैं भी भूखा ना रहूं साधु भी भूखा ना जाए’’। स्वयं की, परिवार की चिंता के साथ अपने द्वार पर आने वाले साधु की चिंता करने का विचार हमें कबीर साहेब के दोहे में ही मिलता है।
इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष श्री ऋषि शर्मा तथा स्थानीय नागरिक श्री नरेंद्र दास मानिकपुरी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी शोध पीठ के अध्यक्ष श्री एन.डी. मानिकपुरी, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री जमील खान, श्री मोहम्मद कलीम, समाज के पदाधिकारी सर्वश्री लखन दास मानिकपुरी, रतन दास मानिकपुरी व रामदास मानिकपुरी, लखनदास मानिकपुरी, धीरजदास मानिकपुरी, जेठूदास मानिकपुरी, देवदास मानिकपुरी, दीपकदास मानिकपुरी, सुरेशदास मानिकपुरी, गोकुलदास मानिकपुरी, मुरलीदास मानिकपुरी, सचिनदास मानिकपुरी, सूरज दास, मानिकपुरी राजूदास मानिकपुरी, हरणदास मानिकपुरी समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।
क्रमांक 1856/प्रेम/गुलाब

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वन मंत्री श्री अकबर का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम

श्री अकबर ने कहा-जांच परीक्षण के बाद प्राथमिकता से होगा सभी समस्याओं का समाधान

रायपुर, 14 जून 2022/वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन तथा आवास एवं पर्यावरण मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने आज लगातार दूसरे दिन अपने विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत ग्राम मगरवाड़ा में चौपाल लगाई। उन्होंने इस दौरान लोगों की मांग और समस्याओं का जांच-परीक्षण उपरांत त्वरित निराकरण के लिए लोगों को आश्वस्त किया।
वन मंत्री श्री अकबर अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनता के बीच जाकर भेंट-मुलाकात कर रहे हैं और लोगों की समस्याएं, मांग और शिकायतों से रूबरू हो रहे हैं। श्री अकबर ने अपने क्षेत्र में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत गत दिवस सहसपुर-लोहारा अंतर्गत ग्राम मोतिमपुर में चौपाल लगाई थी। उन्होंने आज मोतिमपुर में राजस्व अधिकारियों को जाति प्रमाण पत्र तथा अन्य लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से करने के निर्देश दिए।
इस दौरान विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा ग्राम तरेगांव से कुई मार्ग में पुल-पुलिया सहित सड़क निर्माण, बैजलपुर में पुलिस चौकी तथा रेंगाखार से सराई पतेरा के बीच नदी में पुल निर्माण की मांग रखी गई। इसी तरह ग्रामीणों ने अंधरीकछार से लिमाईपुरी मार्ग के निर्माण, अंधरीकछार में प्राथमिक स्कूल तथा आंगनबाड़ी भवन तथा अंधरीकछार से बिसाटोला मार्ग पर सड़क बनाने की मांग रखी। इस दौरान तरेगांव में बैंक की मांग पूरा होने पर ग्रामीणों द्वारा वन मंत्री श्री अकबर के प्रति आभार व्यक्त किया गया। इसके अलावा मगरवाड़ा के महामाया मंदिर में ज्योतिकलश भवन तथा चेन्द्रादार के ग्रामीणों ने आसपास के नदी-नालों में एनीकट व स्टॉपडेम बनाने की मांग की।