कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई हिंसा मामले (Kanpur Violence) में कार्रवाई तेजी से चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कानपुर पुलिस (Kanpur Police) से 3 जून को हुई हिंसा से संबंधित एफआईआर और आरोपितों के बयान आदि मांगे हैं। पुलिस जल्द ही सारे कागजात की एक कॉपी ईडी अधिकारियों को मुहैया कराएगी। जानकारी के अनुसार, ईडी पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है। एजेंसी को आशंका है कि पीएफआई से संबंधित कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का कानपुर हिंसा में कुछ रोल हो सकता है। इसकी पूरी पड़ताल के लिए एफआईआर की कॉपी, आरोपितों की पूरी जानकारी, आरोपितों के अब तक दर्ज बयान और अन्य सहायक दस्तावेज मांगे गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, ऐसे मामलों में अक्सर केंद्रीय जांच एजेंसियां शामिल होती हैं। फिलहाल पुलिस मानकर चल रही है कि जकात से आने वाले रुपयों के जरिए हयात जफर गतिविधियां चलाता था। उसके बैंक खातों की जानकारी लेकर जांच-पड़ताल की जाएगी। ये काम रिमांड पर किया जा सकता है। फिलहाल पुलिस आरोपित के बैंक खातों तक नहीं पहुंची है।
कानपुर हिंसा मामले में मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी को पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। नुपुर शर्मा के बयान को लेकर कानपुर में हिंसा की साजिश रची गई थी। 3 जून को कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। इस दौरान हिंसा को भड़काया गया। इसके पीछे की साजिश को उभारने की कोशिश की जा रही है।
केरल के सांसद को स्टेशन से लौटाया
केरल से सांसद ईटी मोहम्मद बशीर शुक्रवार रात 2:30 बजे कानपुर पहुंचे। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद हिंसा प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मिलना चाहते थे। कानपुर पुलिस ने उन्हें शहर में निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहकर स्टेशन प रही रोक लिया। उन्हें समझाने के बाद पुलिस ने सड़के रास्ते वापस दिल्ली भेज दिया। डीसीपी प्रमोद कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
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