जुमे की नमाज के बाद खुल्दाबाद का अटाला इलाका तीन घंटे तक सुलगता रहा। इस दौरान पूरा इलाका उपद्रवियों के कब्जे में रहा। उपद्रवियों ने पहले गलियों से छिपकर पत्थर बरसाने शुरू किए। चौतरफा पत्थर बरसते देख पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए पीछे हटे तो अटाला-नूरुल्लाह रोड स्थित मुख्य सड़क पर आकर सामने से हमला बोल दिया। इसके बाद तो लगातार पत्थरों की बरसात होती रही। इस दौरान भीड़ में फंसे पुलिसकर्मियों को घेरकर भी हमला किया गया।
शुक्रवार दोपहर में 1.30 बजे के करीब सबसे पहले शौकत अली रोड से रोशनबाग की ओर जाने वाली गली से पथराव शुरू हुआ। पुलिसकर्मियों को जरा भी अंदेशा नहीं था कि भीड़ इस तरह ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर देगी। यही वजह थी कि अचानक हुए हमले से भीड़ को हटा रहे पुलिसकर्मी घबरा गए और वह पीछे हटने लगे। पुलिसकर्मी जैसे ही पीछे हटे, यह देखकर पथराव कर रही भीड़ ने हमला तेज कर दिया और शोर मचाते हुए आगे बढ़ने लगी।
इस पर आसपास की अन्य गलियों के साथ ही नूरुल्लाह रोड की ओर से भी हजारों की भीड़ ईंट-पत्थर बरसाने लगी और अटाला चौराहे की ओर आगे बढ़ने लगी। उधर मजीदिया कॉलेज के सामने से करेली की ओर जाने वाले रास्ते से भी ईंट-पत्थर बरसाते हुए भीड़ का एक हिस्सा अटाला चौराहे की ओर बढ़ने लगा। इससे वहां भगदड़ मच गई। सूचना पर एडीजी, आईजी, डीएम, एसएसपी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच गए।
शहर भर की फोर्स मौके पर बुला ली गई। इसकेबाद वहां पहले से मौजूद पीएसी व आरएएफ की टीम को लेकर पुलिस अफसरों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। पुलिस टीम ने लाठियां पटकते हुए भीड़ को खदेड़ना शुरू किया तो उपद्रवी गलियों में जाकर छिप गए। लेकिन उनकी ओर से पत्थरबाजी जारी रही। गलियों से ही वह सड़क पर पत्थर फेंकते रहे।
उपद्रवियों-पुलिस में हुआ गुरिल्ला युद्ध
हमलावर भीड़ के गलियों में छिपने के बाद पुलिस उन्हें खदेड़ने के लिए गलियों में घुसी तो उपद्रवियों ने गुरिल्ला रणनीति अपना कर हमला कर दिया। इसके बाद घंटों ऐसी स्थिति बनी रही। कभी पुलिस उपद्रवियों पर भारी पड़ती तो कभी पत्थरबाज पुलिसकर्मियों को पीछे हटने पर मजबूर कर देते। दरअसल पत्थरबाजी कर रही भीड़ को खदेड़ने के दौरान पुलिस की एक टीम शौकत अली मार्ग पर स्थित अकरब हाउस गेस्ट हाउस की ओर से आने वाले रास्ते पर र्बाईं ओर स्थित दूसरी गली में घुसी।
तभी ठीक बगल वाली गली से निकली भीड़ ने पुलिस फोर्स पर पीछे से हमला बोल दिया। इससे फोर्स के कुछ जवान दोनों तरफ से भीड़ के बीच फंस गए। शोरगुल मचने पर शौकत अली मार्ग पर व अन्य गलियों में उपद्रवियों को खदेड़ रही फोर्स दौड़ी तो भीड़ के बीच फंसे जवानों को बचाया जा सका। इसके बाद तो घंटों गुरिल्ला युद्ध जैसे हालात बने रहे। पुलिस एक गली से निकलकर दूसरी गली में जाती तो किसी और रास्ते से आकर भीड़ हमला बोल देती। इसके बाद पुलिस लाठियां पटककर उन्हें खदेड़ती।
छतों से भी बरसाए गए पत्थर
बवाल के दौरान गलियों के साथ ही आसपास स्थित कुछ घरों से भी पत्थर बरसाए गए। दरअसल फोर्स के खदेड़ने पर पथराव कर रहे बहुत से युवक गलियों में स्थित कुछ घरों में जाकर छिप गए। इसके बाद तो छतों से भी पत्थर बरसाए गए। ऊंचाई से पत्थर बरसने की वजह से पुलिसकर्मियों को भी बैकफुट पर आना पड़ा। इस दौरान पत्थर लगने से कुछ पुलिसकर्मी चोटिल भी हुए। जिसके बाद एंबुलेंस बुलवाकर उन्हें अस्पताल भेजा गया। खास बात यह थी कि मकानों के सटे होने के चलते हमलावर एक से दूसरी छत पर जाकर भी हमला बोलते रहे। हालांकि जब पुलिस ने इन मकानों में रहने वालों से पूछताछ की तो उन्होंने हमलावरों के बारे में जानकारी होने से इंकार किया। यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि हमलावर उनकी छतों पर कैसे पहुंचे।
आरएएफ ने संभाला मोर्चा तो पीछे हटे हमलावर
गलियों में हो रही पत्थरबाजी से पुलिस को कई बार बैकफुट पर आना पड़ा। उपद्रवी छिपकर पुलिस पर पथराव कर रहे थे तो पुलिसकर्मी भी उनकी तरफ पत्थर फेंककर उनके हमले का जवाब देते रहे। हालात संभालने में जब पुलिस सफल नहीं हो पाई तो अफसरों के निर्देश पर आरएएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला। बॉडी प्रोटेक्टर व हेलमेट के साथ ही अत्याधुनिक असलहों से लैस आरएएफ के जवान आगे बढ़े तो हमलावर कुछ पीछे हटे। पत्थरबाजी भी कुछ धीमी हुई। इसके बाद आरएएफ, पुलिस व पीएसी के जवानों ने मिलकर उपद्रवियों को खदेड़ा।
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