कानपुर में नई सड़क पर हुए बवाल की साजिश में पीएफआई का भी हाथ था इसका खुलासा मंगलवार को हो गया है। पुलिस ने जिन तीन पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया वह पहले भी सीएए हिंसा में जेल जा चुके हैं। बवाल मामले में जब तहकीकात शुरू हुई तो मोबाइल नंबरों की सीडीआर व व्हाट्सएप चैट से इन तीनों के शामिल होने की पुष्टि हुई। उसी आधार पर इनको गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बजरिया निवासी मोहम्मद उमर, फीलखाना निवासी सैफुल्ला, कर्नलगंज के मोहम्मद नसीम अहमद को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना ने बताया कि ये तीनों हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे। बाजार बंदी व बवाल को लेकर आपस में लगातार बातचीत कर रहे थे, जिसके इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए गए हैं।
एक तरह से साजिश में ये भी शामिल रहे हैं। यह पीएफआई के सदस्य हैं। दिसंबर 2020 में हुई सीएए के विरोध में हिंसा के मामले में भी ये जेल भेजे गए थे।
एक लापता, एक बीमार, कई और भी शामिल
पुलिस के मुताबिक जेल भेजे गए तीनों पीएफआई सदस्यों के अलावा दो और सदस्य हैं। जिसमें एक बीमार है और एक लापता है। ये दोनों भी सीएए हिंसा के मामले में जेल गए थे। फरार होने वाले की तलाश की जा रही है।
सीपी ने बताया कि जानकारी के मुताबिक कई और पीएफआई के सदस्य शहर में हैं। जिनके संपर्क में हयात एंड कंपनी भी है। सभी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। सुबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जेल से छूटे मगर हरकतें नहीं छोड़ी
सीएए हिंसा के मामले में पांचों पीएफआई सदस्य जेल गए थे। बाद में जमानत पर छूट गए थे। बवाल में नाम आने के बाद एक बात स्पष्ट हो गई कि आरोपी जेल से छूटे लेकिन हरकतें नहीं छोड़ीं। सूत्रों के मुताबिक पीएफआई के प्रमुख पदाधिकारियों के सीधे संपर्क में ये आरोपी। पुलिस अब इनकी पूरी कुंडली खंगालेगी। इनके खाते भी खंगाले जाएंगे।
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
एमपी का मौसम: एमपी के 7 शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे, भोपाल में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे
Mallikarjun Kharge झारखंड का जल, जंगल, जमीन लूटने के लिए सरकार बनाना चाहती है भाजपा: खड़गे