Ranchi : दो मुन्नाभाई एमबीबीएस पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं. दोनों फर्जी एमबीबीएस की डिग्री लेकर स्टेट मेडिकल काउंसिल के कार्यालय में अपना निबंधन कराने आये थे. जब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुआ तो पता चला कि दोनों की डिग्री ही फर्जी है. झासा के प्रदेश सचिव डॉ. विमलेश सिंह ने दोनों को लोअर बाजार पुलिस के हवाले कर दिया. पकड़े गये दोनों युवकों में एक कोडरमा का रहने वाला उज्जवल कुमार सिन्हा और दूसरा हजारीबाग के चौपारण का रहने वाला वेदप्रकाश द्विवेदी है.
फर्जी गिरोह के चक्कर में गंवाये 10 लाख,अब हवालात में
डॉ विमलेश कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल मेडिकल काउंसिल व स्टेट मेडिकल काउंसिल के ऑनलाइन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के लिए एक माह पहले अप्लाई करने के बाद दोनों युवक शनिवार को अपना सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन कराने के लिए पहुंचे थे. इसमें कोडरमा के युवक उज्जवल कुमार ने महाराष्ट्र मेडिकल कॉलेज की मार्कशीट और सर्टिफिकेट जमा किये थे.
हजारीबाग के युवक ने नेशनल मेडिकल कॉलेज कर्नाटक का मार्कशीट और सर्टिफिकेट डाला था. पोर्टल में अप्लाई किये गये सर्टिफिकेट व इनके द्वारा प्रस्तुत किये गये सर्टिफिकेट में कुछ भिन्नता पायी गयी, जिस पर संदेह होने पर दोनों से कड़ाई से पूछताछ की गयी. पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने किसी गिरोह के चक्कर में फंस कर फर्जी सर्टिफिकेट प्राप्त किये थे. गिरोह के लोगों ने इनसे दस दस लाख की उगाही भी की थी.
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दोनों लोअर बाजार थाना पुलिस के हवाले किये गये
बातचीत में दोनों ने बताया कि इनमें से एक ने इंग्लिश में बीए किया है, जबकि दूसरे ने सोशियोलॉजी से ग्रेजुएशन किया है. दोनों को रांची के लोअर बाजार थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया. थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों युवकों से पूछताछ की जा रही है. आज रविवार को एफआइआर कर दोनों को जेल भेजा जायेगा.
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