ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर वाहन चालकों पर नजर रखने का निर्णय लिया गया है। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया। उन्होंने एक्सप्रेसवे की सुविधाओं को परखा और जो भी कमी मिली, उन्हें दूर करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने कहा कि ओवरस्पीड वाले वाहनों पर लगाम लगाई जाए। इससे अधिक हादसे होते हैं। एक्सप्रेसवे प्रबंधन ने सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का भरोसा दिया है।
यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, एसीईओ मोनिका रानी, रविंद्र सिंह समेत कई अफसरों ने एक्सप्रेसवे का जायजा लिया। ग्रेटर नोएडा से मथुरा तक करीब 100 किमी एक्सप्रेसवे का दौरा किया। अधिकारियों ने जेवर टोल प्लाजा पर बने कंट्रोल रूम को भी देखा। वहां पर ओवरस्पीड गाड़ियों के चालान की प्रक्रिया को देखा और उसमें भी सुधार करने के निर्देश दिए।
दिल्ली आईआईटी ने 17 सुझाव दिए थे। उनमें से 16 पर काम पूरा हो गया है। एक्सप्रेसवे के डिवाइडर के दोनों क्रैश बीम बैरियर लगाने का काम चल रहा है। यह काम 290 किलोमीटर का पूरा हो चुका है। बचा हुआ काम भी जून तक पूरा कर लिया जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे पर अभी 40 स्पीड कैमरा लगे हैं। सीईओ ने कहा कि इस संख्या को दोगुना किया जाए। एक्सप्रेसवे के पास अभी तीन स्पीड गन हैं। इनकी भी संख्या दोगुनी करने के निर्देश दिए।
एक्सप्रेसवे पर अभी लेन मार्किंग ठीक ढंग से नहीं है। अगर है भी तो वह बहुत दूर दूर है। अब हर 10 किलोमीटर पर लेन मार्किंग होगी। वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए पंफ़्लेट बांटे जाएंगे। चालकों को बताया जाएगा कि नियमों का पालन करें। ओवरलोड वाहनों पर भी सख्ती शुरू हो गई है। टोल प्लाजा पर वाहनों का वजन ऑटोमेटिक हो जाता है। इसकी रिपोर्ट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भेजी जानी शुरू कर दी गई है।
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