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मलेशिया में फंसे झारखंड के 22 श्रमिक लाये गए वापस, 8

Ranchi: मलेशिया में फंसे गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के 22 कामगारों को गुरुवार को झारखंड वापस लाया गया. बाकी के 8 मजदूरों की वापसी के लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष मलेशिया स्थित हाई कमीशन ऑफ इंडिया कंपनी प्रबंधन से लगातार संपर्क में है. इसके बाद 22 कामगारों की वापसी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद संभव हुई है. एक महीने पहले 10 कामगार झारखंड लौटे थे. 25 मार्च 2022 को कामगारों को पहली खेप में 10 मजदूरों को सुरक्षित लाया गया था. इसके बाद 25 एवं 26 मई को 10 कामगार झारखंड लौटे.

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पिछले दिनों इन श्रमिकों ने राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी के लिए सोशल मीडिया के जरिये गुहार लगाई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सभी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था.

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कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद कंपनी ने चार महीने तक कराया काम

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए काम करना शुरू किया. इस कड़ी में पता चला कि सभी कामगार 30 जनवरी 2019 से लीड इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में लाइनमैन के रूप में कार्यरत हैं. 30 सितंबर 2021 को इनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है और अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक कंपनी के कहने पर बिना कॉन्ट्रैक्ट के 4 महीने काम किया, जिसका पेमेंट उन्हें नहीं मिला है. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कार्रवाई करते हुए कामगारों से केस से संबंधित दस्तावेज साझा करने को कहा. श्रम विभाग द्वारा मेल के माध्यम से हाई कमीशन ऑफ इंडिया, मलेशिया को घटना पर संज्ञान लेने को कहा गया.

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सभी कामगारों के वेतन का कराया गया भुगतान

इसके बाद मलेशिया पुलिस ने घटनास्थल (लूनस, मलेशिया) पर जाकर घटना का सत्यापन किया एवं कंपनी से बात कर कामगारों की समस्या को सुलझाने को कहा. इसके बाद कंपनी के मालिक ने कामगारों के बकाया वेतन भुगतान एवं टिकट की व्यवस्था के लिए कुछ समय की मांग की. हाई कमीशन ऑफ इंडिया, मलेशिया ने कंपनी को आदेश दिया कि जल्द सभी के बकाया वेतन का भुगतान करें और सभी को कुआलालंपुर स्थानांतरित करते हुए 15 दिन के अंदर टिकट एवं उनके भोजन की व्यवस्था करें. कंपनी ने सभी के खाते में वेतन का भी भुगतान कर दिया है.

 

 

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