चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य संबंधित कारणों से तीर्थयात्रियों की मौतें थम नहीं रही है। यात्रा शुरू होने से अब तक 76 यात्रियों ने केदारनाथ, यमुनोत्री, बदरीनाथ और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर दम तोड़ा है। सचिव स्वास्थ्य ने सभी मेडिकल रिलीफ कैंप और स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए हैं।
इस बार तीन मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा बिना किसी बंदिशों के साथ संचालित हो रही है। लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम खराब होने और पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौतें हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्गों पर जगह-जगह मेडिकल रिलीफ कैंप के साथ ही यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक चारधाम जाने वाले 1.16 लाख यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलेजा भट्ट ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव राधिका झा के दिशानिर्देश पर उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए कि यात्रा पर आने वाले 50 से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाए।
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उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान अब तक जो मौतें हुई है। जिसमें 50 साल से ज्यादा आयु वालों की संख्या अधिक है। महानिदेशक ने बताया कि केदारघाटी में बारिश और बर्फबारी के कारण लिंचौली अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीज हाइपोथर्मिया से ग्रसित है। अभी तक केदारनाथ धाम से 29 यात्रियों को हेली सेवा और 105 यात्रियों को एंबुलेंस के जरिये हायर सेंटर पर उपचार के लिए रैफर किया गया है।
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