प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 24 मई को टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन से कहा कि कहा कि भारत और अमेरिका के बीच भरोसे का रिश्ता है और व्यापार के अलावा भी दोनों देशों के रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी सही मायने में एक विश्वास की साझेदारी है। कई क्षेत्रों में हमारे समान हितों ने इस विश्वास के रिश्ते को मजबूत किया है। हमारे बीच व्यापार और निवेश में भी लगातार विस्तार हो रहा है।
दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान व्यापार, निवेश, रक्षा के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत-अमरीका संबंधों के अनेक पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क और सशक्त आर्थिक सहयोग भारत और अमेरिका की साझेदारी को अनूठा बनाते हैं। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के क्षेत्र में संबंध भी स्थिर रूप से प्रगाढ़ हो रहे हैं। लेकिन अब भी इनके विस्तार की व्यापक संभावनाएं हैं।
दोनों नेताओं ने निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर होने का स्वागत किया जो यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन को साझा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा, एसएमई, बुनियादी ढांचा आदि में भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने में सक्षम बनाता है।
दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर पहल की शुरुआत की। भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सह-नेतृत्व में आईसीईटी एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी/6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की सरकारों के बीच शिक्षा और उद्योग में घनिष्ठ संबंध स्थापित होंगे।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में निर्माण करने के लिए अमेरिकी उद्योग को साझेदारी करने के लिए आमंत्रित किया। स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने बढ़ते सहयोग को आगे ले जाते हुए भारत और अमेरिका ने संयुक्त जैव चिकित्सा अनुसंधान को जारी रखने के लिए लंबे समय से चले आ रहे वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम (वीएपी) को 2027 तक बढ़ा दिया है।
दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया जो पारस्परिक लाभ का हो सकता है। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित पारस्परिक हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
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