डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज की ओर से कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र के निर्देशन में इंजीनियरिंग के उभरते नये क्षेत्रों पर कार्यशालाओं की श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम फेज में 17 कार्यशालाओं के दौरान कई विषयों पर विशेषज्ञों ने छात्रों को जानकारी दी है। अब दूसरे फेज के तहत नये उभरते तकनीकी पर कार्यशालाएं शुरू होने जा रही हैं। जिससे कि छात्रों को नई चीजों के बारे में जानकारी मिल सके।
कार्यशालाओं के क्रम में 3 से 4 जून को इलेक्ट्रोकमेस्ट्री अप्लीकेशन पर डॉ0 गोपाल जी छात्रों को ऑनलाइन मोड में जानकारी देंगे। वहीं, 13 से 15 जून को ऑफलाइन मोड में इंट्रोडक्शन टू ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजीस पर कार्यशाला के दौरान डॉ0 वृंदा यादव और दिव्यांशू चौहान अपने अनुभव साझा करेंगे। इसके बाद 16 से 17 जून को ए ब्रीफ इंट्रोडक्शन एंड हैंड्स ऑन थ्री डी प्रिंटिंग पर ऑफलाइन मोड में डॉ राबेश कुमार सिंह छात्रों को जानकारी देंगे। इसी क्रम में ए हैंड्स ऑन ट्रेनिंग ऑन इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन पर ऑफलाइन मोड में 20 से 24 जून को आयोजित कार्यशाला में डॉ0 अनुज कुमार शर्मा विस्तार से प्रकाश डालेंगे। वहीं, 23 से 25 जून को ऑनलाइन मोड में प्रो0 एमके दत्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसः डीप लर्निंग एंड मशीन लर्निंग के बारे में छात्रों को बताएंगे। इसके बाद 7 से 8 जुलाई को लैबोरेटरी टेक्नीक्स फॉर नैनोमैटेरियल्स सिन्थेसिस एंड कैरेक्टराइजेशन पर आयोजित कार्यशाला में डॉ0 चंद्रेश कुमार रस्तोगी और डॉ0 एवी उलास ऑफलाइन मोड में छात्रों से रूबरू होंगे। जबकि 28 से 29 जुलाई को इंडस्ट्रीयल रोबोटिक्स पर ऑफलाइन मोड में डॉ0 जितेंद्र कुमार छात्रों को जानकारी देंगे।
इन कार्यशालाओं में छात्र निशुल्क पंजीकरण के जरिये प्रतिभाग कर सकते हैं। छात्र कैश की वेबसाइट पर जाकर दिये गये लिंक पर पंजीकरण करा सकते हैं। कार्यशाला में बीटेक तृतीय व चतुर्थ वर्ष और एमएससी फिजिक्स और कमेस्ट्री के छात्र ही प्रतिभाग कर सकते हैं। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
वहीं, पूर्व में आयोजित कार्यशालाओं के दौरान विशेषज्ञों ने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इंडस्टीयल ऑटोमेशन एंड स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग, एनर्जी कन्वर्जन एंड स्टोरेज, सिन्थेसिस एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ नैनो मैटेरियल्स, नैनो टेक्नोलॉजी इन दी ऑयल इंडस्टी के बारे में छात्रों को प्रशिक्षित किया है। माननीय कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र का कहना है कि छात्रों को खुद उद्योग एवं कंपनियों की मांग के अनुसार तैयार करना होगा। इंजीनियरिंग के नये क्षेत्रों के बारे में जब तक छात्र नहीं जानेंगे तब तक उनके लिए रोजगार के अवसर की कमी रहेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस तरह के कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक प्रो0 एमके दत्ता ने बताया कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अब नई चीजें भी जुड़ गयी हैं। ऐसे में छात्रों को उन्हें भी जानना बहुत जरूरी है।
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