वाराणसी: देश और दुनिया में आज चर्चा इस बात की हो रही है कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के भीतर मिला स्ट्रक्चर शिवलिंग है या फिर फव्वारा। लेकिन यह पूरा मामला पांच महिलाओं की तरफ से दायर हुई याचिका में सामने आया। इन्होंने श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) में पूरे साल दर्शन और पूजन के लिए रास्ता खोले जाने के साथ ही मस्जिद के अंदर देवी-देवताओं की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की थी। जानिए, आखिर ये महिलाएं हैं कौन?
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह याचिका राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पर दायर है। इनमें जो महिलाएं हैं, उनके नाम राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, रेखा पाठक और सीता साहू हैं। इनमें राखी सिंह नई दिल्ली के हौज खास की निवासी हैं। इनके पति इंद्रजीत सिंह हैं, जिनका स्थानीय पता लखनऊ के हुसैनगंज का है। यह वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन से जुड़ी हुई हैं।
दूसरी याचिकाकर्ता महिला लक्ष्मी देवी हैं, जो वाराणसी के महमूरगंज की निवासी हैं। उनके पति डॉक्टर सोहनलाल आर्य ने 26 साल पहले श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में एक याचिका दायर की थी। उस मामले में वह एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त हुए थे और जांच का आदेश भी हुआ था लेकिन विरोध की वजह से निरीक्षण नहीं हो पाया था। वह मामला बाद में ठंडा पड़ गया था।
तीसरे नंबर पर याचिकाकर्ता सीता साहू हैं। वाराणसी के चेतगंज की निवासी सीता के पति गोपाल साहू व्यवसायी हैं। रामघाट मोहल्ले की निवासी मंजू व्यास चौथी याचिकाकर्ता महिला हैं। पांचवीं महिला हनुमान फाटक निवासी रेखा पाठक हैं। इन सभी के मन में श्रृंगार गौरी का दर्शन और पूजा पाठ रोज नहीं कर पाने की कसक रहती थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये पांचों महिलाएं एक-दूसरे से पूर्व परिचित नहीं थीं। दर्शन और पूजन के दौरान उनकी आपस में मुलाकात हुई और फिर उनमें दोस्ती हो गई। इनके अंदर पूरे साल भर श्रृंगार गौरी की पूजा करने की कसक थी। फिर इन्होंने विश्व वैदिक सनातन संघ के सहयोग से साथ मिलकर याचिका दायर की।
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