रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत 59 वनोपज सहकारी समितियों में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 95 प्रतिशत तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। यहां की 19 समितियों में लक्ष्य से अधिक तेन्दूपत्ता मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है। धरमजयगढ़ विकासखण्ड की वनोपज समितियों में इस वर्ष 82 हजार 500 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य के विरूद्ध 78 हजार 547 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया जा चुका है। इनमें तेन्दूपत्ता संग्राहकांे कुल भुगतान योग्य राशि 31 करोड़ 41 लाख 90 हजार 420 रूपए है। इसका संग्रहण 46 हजार 063 तेन्दूपत्ता संग्राहकों द्वारा किया गया है।
प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन धरमजयगढ़ ने बताया कि तेन्दूपत्ता की खरीदी तेजी से चल रही है। शीघ्र ही निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। अब तक कापू समिति में 1400 मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 1763 मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 125.94 प्रतिशत है। यहां 1581 संग्राहकों को 70 लाख 52 हजार 360 रूपए का भुगतान किया जाएगा। इसी प्रकार तोलमा समिति में 900 मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 1118 मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 124.30 प्रतिशत है। यहां 686 संग्राहकों को 44 लाख 74 हजार 800 रूपए का भुगतान किया जाएगा। मुनुन्द समिति में 1200 मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 1395 मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 116.27 प्रतिशत है। यहां 1146 संग्राहकों को 55 लाख 81 हजार रूपए का भुगतान किया जाएगा। बोजिया समिति में 1200 मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 1333 मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 111.11 प्रतिशत है। यहां 526 संग्राहकों को 53 लाख 33 हजार 200 रूपए का भुगतान किया जाएगा। ढोढागांव समिति में 1200 मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 1323 मानक बोरा का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 110.30 प्रतिशत है। यहां 636 संग्राहकों को 52 लाख 94 हजार 200 रूपए का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा लक्ष्य के विरूद्ध धरमजयगढ़ वनोपज सहकारी यूनियन की समिति धरमजयगढ़ में 103.98 प्रतिशत, नागदरहा में 102.32 प्रतिशत, पोटिया में 101.60 प्रतिशत, रेरूमा में 102.96 प्रतिशत, जबगा में 100 प्रतिशत से अधिक, हाटी में 105.20 प्रतिशत, कुडेकेला में 101.45 प्रतिशत, बेहरामार में 101.77 प्रतिशत, सेमीपाली 103.46 प्रतिशत, छाल में 106.76 प्रतिशत, कटईपाली में 100 प्रतिशत से अधिक, कमरई में 108 प्रतिशत, लैलूंगा में 101 प्रतिशत से अधिक, पहाड़लुडेग में 103.94 प्रतिशत तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।
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