नोएडा/गाजियाबाद: नोएडा के सेक्टर 39 में डिजिटल रेप का मामला दर्ज किया गया है। वहीं, गाजियाबाद में लोन ऐप के फर्जीवाड़े में एक व्यक्ति का इंटरनेट पर चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया। उस व्यक्ति की फर्जी तस्वीर को इंटरनेट पर डालकर बच्ची से रेप का आरोपी बता दिया गया। सोशल मीडिया पर कथित तौर पर व्यक्ति को रेपिस्ट बताते हुए देखते ही मार डालने का संदेश लिखा गया। इसके बाद से डिजिटल रेप के मसले पर बहस तेज हुई है। हालांकि, निर्भया कांड के बाद डिजिटल दुष्कर्म के मामलों में सजा को काफी सख्त किया गया है। लेकिन, इसमें डिजिटल का अर्थ इंटरनेट नहीं होता है।
क्या है डिजिटल रेप का मामला?
नोएडा के सेक्टर-39 कोतवाली क्षेत्र में डिजिटल रेप का मामला सामने आया है। 81 साल का एक मशहूर पेंटर पर 7 सालों से एक नाबालिग के साथ डिजिटल रेप का आरोप लगा है। पुलिस ने रविवार को प्रयागराज निवासी बुजुर्ग पेंटर मौरिस राइडर को मामले में गिरफ्तार किया है। मौरिस पहले हिंदू था। बाद में इसाई धर्म को स्वीकार कर लिया। मौरिस लगभग 22 साल पहले नोएडा आया था। एडीसीपी रणविजय सिह ने मामले में कहा है कि मौरिस के यहां रहने वाली एक 17 साल की किशोरी ने कोतवाली में मामला दर्ज कराया है। दर्ज मामले में मौरिस पर आरोप लगाया गया है कि लड़की जब 10 साल की थी, तब उसको पालने के लिए उसके पैरेंट्स से पेंटर लेकर आया था। बाद में यौन शोषण करने लगा। विरोध करने पर मारपीट करता था।
डीसीपी वृंदा शुक्ला ने केस के बारे में बताया किया प्राइमरी इन्क्वायरी में पेंटर के किशोरी से रेप का मामला सामने आया है। सामान्य रेप का मामला आरोपित के खिलाफ रजिस्टर किया जा रहा है। वहीं, एसीपी अंकिता शर्मा ने बताया कि इंटरनेट पर अश्लील वीडियो दिखाकर आरोपित किशोरी के प्राइवेट पार्ट को छूता था। एसीपी ने कहा कि डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं है कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है।
एसीपी के अनुसार, अंग्रेजी के डिजिट का मतलब अंक होता है। साथ ही, इंग्लिश डिक्शनरी में अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली जैसे शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता हैं। मतलब, जो यौन उत्पीड़न डिजिट से किया गया हो, तब उसे डिजिटल रेप कहा जाता है। निर्भया कांड के बाद डिजिटल रेप में भी बेहद सख्त सजा का प्रविधान है।
क्या है गाजियाबाद का मामला
गाजियाबाद में एक व्यक्ति को डिजिटली रेप का आरोपी घोषित कर दिया गया है। पीड़ित व्यक्ति ने इस संबंध में घंटाघर कोतवाली में मामला दर्ज कराया है। दर्ज मामले में कहा गया है कि दोस्त के पिता की हार्ट सर्जरी के समय उसे मदद की जरूरत थी। उन्होंने अपनी तरफ से उसे कैश दिया। उसे जब जरूरत पड़ी तो एक ऐप से 10 हजार रुपये का लोन लेकर उसे दिया। उन्होंने 5 दिन बाद लोन का भुगतान भी कर दिया। इसके बाद भी उन्हें और परिवार के लोगों को पेमेंट के लिए मैसेज आने लगे। इसमें उनकी मॉर्फ्ड फोटो अश्लील बनाकर शेयर की गई। उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। कुछ दिन बाद जालसाजों ने उनकी फोटो को एक रेप पीड़ित बच्ची की फोटो के साथ लगाकर उनके कॉन्टैक्ट को भेजना शुरू कर दिया।
फोटो के साथ मैसेज में लिखा कि 4 घंटे पहले ही इसने एक बच्ची से रेप कर उसकी हत्या की कोशिश की है और बच्ची अभी आईसीयू में है। मैसेज में लिखा गया कि ये फोटो और जानकारी पुलिस ने दी है। आप लोग भी इसे सभी के साथ शेयर करें और ये आदमी जहां दिखे उसे वहां मार दें। परेशान व्यक्ति ने पुलिस में कंप्लेन की। लेकिन, इंटरनेट अपराधों के मामले में पुलिस की सक्रियता हमेशा संदेह में रही है।
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