प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 23 जनवरी 2022 को आयोजित यूपीटीईटी 2021 (UPTET 2021 court verdict) में सफल अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट (allahabad high court) ने बीएड डिग्री धारकों को टीईटी (प्राइमरी लेवल) में शामिल होने से रोकने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। प्रतीक मिश्रा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने दिया है। कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 16 मई को होगी।
याचिका में कहा गया है कि, राजस्थान हाई कोर्ट ने 25 नवंबर 2021 को जारी अपने आदेश में एनसीटीई के 28 जून 2018 को जारी उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है जिसके जरिए बीएड डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूल (कक्षा 1 से 5) में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति के लिए अर्ह करार दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि बीएड डिग्री धारक प्राइमरी स्कूल लेवल शिक्षक के लिए अर्ह नहीं हो सकते।
कोर्ट ने एनसीटीई के 28 जून 2018 को जारी नोटिफिकेशन को अवैध करार दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसी आधार पर याचिका दाखिल कर 23 जनवरी 2022 को हुई टीईटी 2021(प्राइमरी लेवल) में शामिल बीएड डिग्री धारकों का परिणाम जारी करने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
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