गाजीपुर : योगी सरकार की ओर से अब श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा में आर्थिक दिक्कतें नहीं आए, इसके लिए एक खास योजना शुरू की गई है। शासन की ओर से संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना का लाभ पाने के लिए श्रमिक का पंजीकरण, श्रम विभाग में होना आवश्यक है। पंजीकरण होने के बाद बच्चों को इस योजना के तहत लाभ मिल पाएगा। शासन का लक्ष्य है कि शत-प्रतिशत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को इस योजना के दायरे में लाकर उनके बच्चों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाए।
संत रविदास शिक्षा योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी, ताकि आर्थिक कठिनाइयों के कारण उनकी पढ़ाई बाधित न हो। इस योजना के तहत कक्षावार आर्थिक सहायता देने की योजना है। कक्षा 1 से 5 तक निर्माण श्रमिकों के 2 बच्चों को 150 रुपए हर महीने और वार्षिक 1800 रुपए वार्षिक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों को 200 रुपए हर महीने और सालाना 2400 रुपए की आर्थिक मदद इस योजना के तहत उपलब्ध होगी।
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पात्र छात्र जो कि कक्षा 11 और 12 में पढ़ रहे होंगे उन्हें 250 रुपए हर महीने की दर से 3000 रुपए सालाना की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रेजुएट तक के छात्रों को 1000 रुपए प्रति माह की दर से 12000 रुपए सालाना और पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स में पंजीकृत छात्रों को 2000 रुपए महीने की दर से सालाना 24000 रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी।
हालांकि पीजी कोर्स में दाखिला लेने की उम्र सीमा का निर्धारण भी इस योजना के तहत है। पीजी कोर्स पढ़ने वाले छात्र को इस योजना के तहत आवेदन करते समय उसकी उम्र 25 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस उम्र से ज्यादा के आवेदकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इंजीनियरिंग और मेडिकल के पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री हासिल करने के लिए 8000 रुपए और रिसर्च स्कॉलर को 12000 रुपए प्रति महीने इस योजना में आर्थिक मदद दी जाएगी। लेकिन, आवेदक की उम्र 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को अपने कॉलेज के प्रिंसिपल से 50% क्लास अटेंडेंस का प्रमाण पत्र जमा करना पड़ेगा। इस योजना को वृहद रूप देने के लिए छात्रों को स्नातक में प्रवेश लेने के बाद क्लास करने जाने के लिए साइकिल भी दिए जाने योजना है।
इस योजना के अन्य पहलुओं को समझने के लिए मीडिया ने मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता से संपर्क किया। सीडीओ गुप्ता ने बताया कि संत रविदास सहायता योजना का लाभ श्रमिकों के 2 बच्चों तक ही सीमित रहेगा। इस योजना का लाभ पाने के लिए श्रमिक को पहले श्रम विभाग में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
यह योजना कई विभागों के आपसी समन्वय से क्रियान्वित की जाएगी जिला। बेसिक शिक्षा कार्यालय को निर्देशित किया गया है कि परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले श्रमिकों के बच्चे को चिन्हित कर, अभिभावकों से संपर्क कर इस योजना के बारे में बताएं ,जिससे उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाए। वही श्रम विभाग भी इस योजना के वृहद प्रचार प्रसार में जुटा हुआ है ताकि अधिक से अधिक श्रमिक जो पात्रता पूरी करते हैं। उनके बच्चों को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध हो पाए।
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