नई दिल्ली: भारतीय टीम के ऑलराउंडर क्रिकेटर हार्दिक पंड्या को उनके नाम के फर्जी अकाउंट से भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी की वजह से कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जोधपुर की एक स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट ने पुलिस को हार्दिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. बता दें कि पिछले दिनों पंड्या के नाम से फर्जी ट्विटर पर संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को लेकर विवादित टिप्पणी की गई थी. इसी मामले पर पिछले दिनों हार्दिक पंड्या के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी, जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
जयपुर में उदयमंदिर थाना के एसएचओ राजेश यादव ने एनडीटीवी से कहा कि “हमें अभी तक अदालत के आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं और जब तक हमें आदेश की कॉपी नहीं मिल जाती, तब तक मैं इस मामले पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं. यादव ने यह भी कहा कि कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर पर पिछले साल 26 दिसंबर को उनके एक आपत्तिजनक ट्वीट पर जोधपुर की एक विशेष अदालत ने हार्दिक पंड्या पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. हार्दिक पांड्या के खिलाफ याचिका दायर करने वाले डॉ. आर मेघवाल ने कहा कि हार्दिक पंड्या का ट्वीट अंबेडकर को अपमानित करता है और दलित समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाता है. हालांकि, हार्दिक के वेरिफाइड अकाउंट को खंगालने पर यह पता चलता है कि आपत्तिजनक ट्वीट है ही नहीं.
मगर ट्विटर पर हार्दिक पंड्या का अकाउंट सर्च करने पर पता चलता है कि जिससे पिछले साल टिप्पणी की गई थी, वह फर्जी है यानी वेरिफाइड नहीं है. जबकि सच्चाई यह है कि ट्विटर पर हार्दिक पंड्या का वेरिफाइड अकाउंट है. मगर हैरान करने वाली बात है कि कोर्ट ने फर्जी अकाउंट से हुए ट्वीट की वजह से हार्दिक के खिलाफ एफआईआर दर्द करने के आदेश दे दिये हैं. ट्विटर पर हार्दिक पंड्या के फर्जी अकाउंट से भी वह ट्वीट गायब है.
ध्यान देने वाली बात है कि जिस ट्विटर अकाउंट को लेकर याचिका दाखिल की गई थी, वह @sirhardik3777 है. जबकि हार्दिक का ट्विटर पर वेरिफाइड अकाउंट है- @hardikpandya7. कोर्ट ने जिस याचिका पर आदेश दिया है, वह यह वेरिफाइड अकाउंट नहीं है.