प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में जर्मनी पहुंचे। वह आज बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श के सह-अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे।
इसके बाद वह डेनमार्क जाएंगे, जहां वह कोपेनहेगन में डेनमार्क के पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन से मिलेंगे और मंगलवार को डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। बुधवार को वापस जाते समय, मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए पेरिस में कुछ समय के लिए रुकेंगे। इस साल उनकी पहली विदेश यात्रा ऐसे समय में हुई है जब यूरोप के बीचोबीच एक युद्ध ने सात दशकों की वैश्विक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
रविवार को, नव नियुक्त विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी “यूक्रेन मुद्दे” पर “दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान” करेंगे और अपनी तीन दिवसीय, तीन देशों की यूरोप यात्रा के दौरान द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी की विदेश यात्रा में लगभग 65 घंटे में लगभग दो दर्जन कार्यक्रम शामिल हैं। वह लगभग 50 वैश्विक व्यापार जगत के नेताओं के साथ बातचीत करने के अलावा सात देशों के विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे।
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