लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लगातार एक्शन में हैं। वह एक तरफ प्रदेश सरकार का 100 दिन का एजेंडा सेट करने में खुद जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार के कामकाज में भी तेजी से रफ्तार देने में लगे हैं। वैसे तो योगी आदित्यनाथ अपने पिछले कार्यकाल में भी इसी तरह कार्य करते थे लेकिन इस बार उनके कुछ फैसले और निर्देश इशारा कर रहे हैं कि कार्यप्रणाली थाेड़ी ‘अपग्रेड’ हो रही है।योगी अब पारदर्शी व्यवस्था बनाने में लगे हैं साथ ही अपने सहयोगियों और सरकार के कारिंदों को भी ईमानदारी से काम करने का पाठ पढ़ रहे हैं। वह भाषणबाजी और योजनाओं के खेल में जनता को घुमाने की बजाए पूरे सिस्टम को जमीन पर काम करने के लिए जोर दे रहे हैं। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को जो निर्देश दिए हैं, उससे पूरी कहानी साफ हो जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी मंत्रियों को अगले 90 दिनों में खुद और अपने परिवार के सदस्यों चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करनी होगी। उन्होंने कहा है कि सभी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन करना ही होगा। इसके अलावा निर्देश है कि मंत्री ये देखें कि उनके परिवार के किसी सदस्य का उनके शासकीय कार्य में हस्तक्षेप न हो। बता दें हाल ही में प्रदेश के मंत्री संजय निषाद के साथ उनके सांसद बेटे प्रवीण निषाद शासकीय कार्यों में शामिल होते मिले थे, जिस पर सोशल मीडिया पर काफी सवाल खड़े किए गए।
योजना बने लेकिन जमीन पर भी उतरे
योगी के निर्देशों पर गौर करें तो अब वो किसी भी कार्ययोजना को तय करने के फौरन बाद उसे जमीन पर उतारने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इसी को लेकर उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में कहा कि सभी विभागों का अगले 100 दिन, 6 महीने, 1 वर्ष, 2 वर्ष और 5 वर्ष की कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन हो चुका है। अब इसे जमीन पर उतारना है। सभी मंत्री अपने विभाग के अधिकारियों का मार्गदर्शन करें। देखें प्रोजैक्ट क्वालिटी के साथ समय पर पूरे हों।
उन्होंने साफ कर दिया है कि योगी सरकार का नया मोटो है, अब सरकार जनता के द्वार पहुंचेगी। इसके लिए मंत्रियों को कहा गया है कि अगले विधानसभा सत्र से पहले ही पूरे प्रदेश में भ्रमण का काम पूरा करना है। इसके लिए 18 मंत्री समूह बनाए गए हैं। इनमें दोनों डिप्टी सीएम की टीम में एक-एक राज्य मंत्री को शामिल किया गया है। इसके अलावा तीन सदस्यीय मंत्री समूह गठित किए गए हैं। यह 18 समूह प्रदेश के 18 मंडलों का दौरा करेंगे। यही नहीं योगी ने इस भ्रमण कार्यक्रम का टाइम टेबल भी तय कर दिया है। भ्रमण का यह कार्यक्रम शुक्रवार से रविवार तक होगा।
यही नहीं पहले चरण में प्रदेश भ्रमण करने के बा इन 18 मंत्री समूहों का रोटेशन प्रणाली के तहत दूसरे मंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। मतलब पहले चरण में जो ग्रुप जिस मंडल में जाएगा अगले चरण में दूसरा ग्रुप वहां पहुंचेगा।
क्या करेंगे भ्रमण के दौरान
हर हफ्ते शुक्रवार से रविवार यानी 3 तीन चलने वाले इस भ्रमण के दौरान हर टीम को एक जनपद में कम से कम 24 घंटे रहना होगा। इसमें टीम का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ मंत्री कम से कम दो जिलों का भ्रमण करेंगे। बाकी मंत्री सुविधानुसार एक-एक जिले की जिम्मेदारी लेंगे। मंत्री समूह मंडलीय भ्रमण के दौरान एक मंडलीय समीक्षा बैठक करेगा, जिसमें जनपद वर्चुअली जुड़ेंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस बैठक में होंगे। यही नहीं इसके अलावा मंत्री पूर्व जनप्रतिनिधियों/संगठन/विचार परिवार के सदस्यों के साथ भी बैठक करेंगे। उनकी शिकायतों, उम्मीदों और सुझावों को सुनेंगे और निदान का प्रयास करेंगे। साथ ही मंडलीय समीक्षा बैठकों में विभागीय प्रस्तुतिकरण देखेंगे।
खूब काम और सिर्फ स्टेट गेस्ट हाउस में आराम
यही नहीं प्रवास के दौरान मंत्री जी जन चौपाल भी करेंगे। इसमें जनता से सीधा संवाद होगा। इसके अलावा किसी भी एक विकास खंड/तहसील के औचक निरीक्षण भी करेंगे। दलित/मलिन बस्ती में सहभोज करेंगे। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। गुणवत्ता की परखेंगे। इसके अलावा शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भेंट करें। कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए महिला सुरक्षा के मामलों, एससी/एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस पेट्रोलिंग, बाल यौन अपराधों, व्यापरियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई आदि का पूरा विवरण देखें। योगी ने साफ निर्देश दिए हैं मंत्री समूहों के हर सदस्य को रात्रि विश्राम किसी जिले में ही करना होगा और वो भी सरकारी अतिथि गृह में ही करना होगा।
बातें नहीं, रिपोर्ट भी दीजिए
इस भ्रमण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद मंत्रियों की टीम को अपनी पूरी रिपोर्ट सीएम ऑफिस में पेश करनी होगी। जिस पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा होगी। इसके आधार पर जनहित में कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि पिछले 5 सालाें में टीम यूपी ने जिस तरह विकास और सुशसन का मॉडल पेश किया है, इसके बाद अब हमारी प्रतिस्पर्धा खुद से ही है। सीएम ने इसके अलावा राज्यमंत्रियों के लिए निर्देश दिए हैं कि उन्हें कार्य आवंटन हो गया है, वे विभागीय बैठकों में जरूर शामिल हों।
बता दें सरकार बनते ही योगी ने आदेश दिया था कि प्रदेश सरकार का कोई मंत्री या अफसर प्रदेश के बाहर दौरे पर जाता है तो उसे सूचित करना होगा। उसी क्रम में अब सीएम योगी ने कहा है कि अगर मंत्री और अधिकारी किसी दूसरे राज्य या राष्ट्र का दौरा करने गया है तो लौटकर वह कैबिनेट के समक्ष अपने अनुभवों को साझा करेगा। इसी तरह मंत्रियों को पर्सनल स्टाफ रखने को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दरअसल पुराने पर्सनल स्टाफ की जगह नए स्टाफ देने का आदेश जारी हो गया।
मंत्रियों का टाइम टेबल
यही नहीं मंत्रियों को ये भी निर्देश हैं कि शुक्रवार से रविवार तक अपने निर्वाचन क्षेत्र या प्रभार के जिलों में रहें, इसके बाद सोमवार और मंगलवार को अनिवार्य रूप से राजधानी में रहें।
अफसरों से लेकर कर्मचारियों की आराम-तलबी पर नकेल
अब बात अफसरों और कर्मचारियों की कर लेते हैं। योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए कई प्रयास करते दिख रहे हैं। एक तरफ योगी आदित्यनाथ आईएएस और आईपीएस अफसरों सहित कई अधिकारियों को सस्पेंड कर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ अफसरों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए टार्गेट बेस काम पर जोर दे रहे हैं। कर्मचारियों को अनुशासन में रखने के लिए योगी ने लंच टाइम का सख्ती से पालन कराना शुरू कर दिया है। योगी ने साफ कर दिया है कि सरकारी कार्यालयों में लंच टाइम आधे घंटे का ही होगा, इसके बाद सभी अपना काम करते नजर आएं। इसके अलावा विभागीय समीक्षा के दौरान भी अफसरों से पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा गया है।
यही नहीं अफसरों के लिए भी सीएम योगी ने निर्देश दिया है। इनमें आईएएस, पीसीएस को अपनी और परिवार के सदस्यों की संपत्ति की घोषणा करनी होगी और इसे ऑनलाइन पोर्टल पर जनता को देखने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
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