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Editorial:भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा मान रहा पूरा विश्व, सकारात्मक नीति का परिणाम

21-4-2022

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। अब आईएमएफ ने कहा है कि कोरोना महामारी बावजूद भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 19 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की। आईएमएफ- विश्व बैंक की सालाना स्प्रिंग मीटिंग से इतर हुई इस मुलाकात में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने भारत की आर्थिक नीतियों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत नई आर्थिक गतिविधियों के युग में प्रवेश कर रहा है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के कुछ मुद्दों को हल करने में सहायक होगा। जॉर्जीवा ने भारत के लचीलेपन की प्रशंसा करते हुए कहा क?ि कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद दुनिया भर में सबसे तेजी से बढऩे वाला देश बना हुआ है। उन्होंने आईएमएफ की क्षमता विकास से जुडी गतिविधियों में योगदान के लिए भारत की सराहना की।

आईएमएफ प्रमुख जॉर्जीवा ने भारत के टीकाकरण कार्यक्रम और अपने पड़ोसी और अन्य कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को दी गई सहायता की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से श्रीलंका के कठिन आर्थिक संकट के दौरान भारत की ओर से दी जा रही मदद का उल्लेख किया। वित्त मंत्री सीतारमन ने कहा कि भारत नई आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने में मदद करेंगी।

मोदी सरकार के रणनीतिक सुधारों और कोरोना टीकाकरण अभियान में तेजी के कारण दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। खास बात यह है कि 2022 में भारत को छोड़कर किसी भी अन्य देश में यह वृद्धि दर 6 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक विकास दर के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को काफी पीछे छोड़ दिया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।

ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म केपीएमजी ने कहा है कि वर्ष 2022 में दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत शामिल रहेगा। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 9.2 प्रतिशत और 2022-23 में 7.7 प्रतिशत रह सकती है। केपीएमजी का कहना है कि भारत सरकार की मौजूदा नीतियां आर्थिक रफ्तार को आगे भी बढ़ाए रखेंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस और इस क्षेत्र में किए जा रहे निवेश से न सिर्फ विकास दर में तेजी आएगी, बल्कि बेरोजगारी भी घटेगी। केपीएमजी के अुसार, कोरोना के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी रेट बढ़ी है। आर्थिक सुधार के मोर्चे पर आगे बढऩे और मांग में तेजी की वजह से मोबिलिटी इंडेक्स, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, बिजली की मांग सभी में उछाल दर्ज किया जा रहा है।

मौजूदा वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रह सकता है भारत का जीडीपी

उद्योग संगठन फिक्की का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रह सकती है। रविवार को जारी ताजा आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट में फिक्की ने चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, लेकिन वृद्धि से जुड़े जोखिमों को लेकर सतर्क भी किया गया है। फिक्की आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण ने इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर के लिए विकास दर 5.9 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत के साथ कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए 3.3 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई के कारण कीमतें वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर सकता है।

मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत रह सकता है भारत का जीडीपी-मूडीज

इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। मूडीज से इसके पहले 7 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान जताया था। मूडीज ने अपने ग्लोबल मेट्रो आउटलुक 2022-23 रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी और दूसरे लहर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के साथ रिकवर कर रही है। मूडीज ने कहा है कि भारत में सेल्स टैक्स कलेक्शन में तेजी के साथ रिटेल एक्टिविटी बढ़ी है और पीएमआई में सुधार हुआ है। मूडीज ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.4 प्रतिशत की दर से विकास करने का अनुमान जताया है।