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चलिए छोड़िए बाकी मसलों की चिंता…हिंदुस्तानी सियासत में चल रहे उथल-पुथल से तो आप वाकिफ होते ही रहते हैं, लेकिन आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में पाकिस्तानी विधानसभा कैसे जंग के अखाड़े में तब्दील हो गई। उसके बारे में बताएंगे। कैसे नेता एक-दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गए। वो भी बताएंगे और आपको यह जानकर हैरानी भी होगी कि कैसे विधायकों ने डिप्टी स्पीकर पर भी हमला करने से गुरेज नहीं किया। विधायकों के रवैयों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि जनता ने उन्हें जनहित के मुद्दों को नहीं, बल्कि कुश्ती करने के वास्ते से विधानसभा में भेजा है।
जी हां… बिल्कुल….ऊपर जो भी पढ़ा आपने…बिल्कुल ठीक पढ़ा है। यह पूरा वाकया पाकिस्तानी पंजाब प्रांत का है, जहां विधायक एक-दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गए। दरअसल, पाकिस्तानी पंजाब के मुख्यमंत्री को लेकर विवाद जारी है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहम्मद मजारी जब अपने दोस्त डिप्टी स्पीकर से मुखातिब होने पहुंचे थे, तभी पीटीआई सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की। हालांकि, पहले विधानसभा में तैनात सुरक्षाबलों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने पहले मजारी के साथ अभद्र व्यवहार किया और इसके बाद मारपीट पर उतर आए। पाकिस्तानी विधानसभा सत्र सुबह 11:30 शुरू होना था, लेकिन इस मारपीट ने विधानसभा में अव्यवस्था का माहौल पैदा कर दिया जिसके चलते उसे स्थगित करना पड़ गया। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पीटीआई सदस्यों ने अपनी अभद्रता की हदों को पार करते हुए डिप्टी स्पीकर के बाल तक खींचे। उनके लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और उनके साथ मारपीट भी की।
हालात ऐसे बन गए थे कि वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। हालांकि, विधानसभा की भंग होती गरिमा के बाद सुरक्षाबल डिप्टी स्पीकर को बाहर ले आए। बता दें कि इस पूरे वाकये का वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे कि अभी कुछ दिनों पहले कई दिनों तक चली राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पाकिस्तान में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। बीते दिनों इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। इमरान के बाद पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की कुर्सी पर शहबाज शरीफ आसीन हुए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच जारी विवादित मसलों पर क्या कुछ फैसला लिया जाता है और किस तरह के रुख अपनाए जाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जिस तरह विधायकों ने अपनी अभद्रता की नुमाइश की है, उस पर आपका क्या कुछ कहना है
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