नोएडा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा में कोरोना के नए मामले (Corona New Cases in Noida) लगातार बढ़ रहे हैं। मरीजों की नई संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन उस लिहाज से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है। शहर में बच्चों से लेकर बड़ों तक में कोरोना इंफेक्शन तेजी से बढ़ा है। इसने शहर में चौथी लहर का खतरा (Fourth Wave of Corona Infection) उत्पन्न कर दिया है। कोरोना की चपेट में आ रहे स्कूली छात्रों (Corona in Noida Students) का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को 70 लोगों में कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection in Noida) की पुष्टि हुई।
कोराना संक्रमित पाए गए 70 नए मरीजों में से 14 स्टूडेंट्स शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक 9 से 16 अप्रैल तक 218 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 78 बच्चे शामिल हैं। कुल मरीजों में 34.21 फीसदी बच्चे संक्रमित पाए गए गए हैं। नोएडा में पाए जाने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों में नवजात बच्चों से लेकर स्कूली छात्र-छात्राएं और किशोर शामिल हैं। बच्चों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद अब टेस्ट बढ़ाने के साथ ही फिर से निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू करने की मांग उठने लगी है। शनिवार को शहर में 70 नए मरीजों के मिलने के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 218 हो गई है।
7 दिनों में 228 नए मरीज
पिछले 7 दिनों में नोएडा शहर में 228 नए मरीज सामने आए हैं। 9 अप्रैल तक शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या 39 थी, जो अब बढ़कर 218 हो गई है। वहीं, 10 से 16 अप्रैल तक शहर में लगातार नए मरीज सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि होने के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद लोग निजी अस्पतालों में कोविड वार्ड बनाए जाने की मांग करने लगे हैं। साथ ही, बच्चों में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद से स्थिति खराब होने की स्थिति में बच्चों को उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग की जा रही है।
नोएडा में ऐसे बढ़ा है कोरोना संक्रमण का मामला:
तारीखनए मरीजसक्रिय मरीजबच्चेकोविड जांच16 अप्रैल7021814—15 अप्रैल4315618109914 अप्रैल4412115137113 अप्रैल33900960912 अप्रैल206808127611 अप्रैल03541340610 अप्रैल155401628
नवजात से लेकर 18 वर्ष तक के संक्रमित
10 अप्रैल को एक बच्चे में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था। इसके बाद से पिछले सात दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 78 पर पहुंच गए हैं। पिछले सात दिनों में 228 नए मरीजों के मिलने से इसकी तुलना करें तो इनमें 34 फीसदी से अधिक बच्चे शामिल हैं। ऐसे में बच्चों के संपर्क में आने वाले अन्य बच्चों और लोगों की जांच कराने पर विशेष ध्यान देना होगा। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि बच्चे संक्रमित मिल रहे हैं, यह बात हम भी मान रहे हैं। कोविड जांच बढ़ाने के लिए हमारे पास संसाधनों का अभाव है, लेकिन जांच बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम
ठीक होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। शनिवार को महज 8 मरीजों के स्वस्थ होने की जानकारी सामने आई है। वहीं, शुक्रवार को 10 मरीज स्वस्थ्य हुए थे। ऐसे में रिकवरी रेट घटने और पॉजिटिविटी रेट बढ़ने से संक्रमण की रफ्तार में वृद्धि की आशंका गहराने लगी है। दिल्ली से आई ताजा कोरोना रिपोर्ट ने भी लोगों को परेशान किया है। वहां पर 14 बच्चों के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती होने की रिपोर्ट सामने आई है। डॉक्टरों के मुताबिक, इन बच्चों में अधिकतम में कोमोरबिडिटी है।
क्या होता है कोमोरबिडिटी
कोमोरबिडिटी एक मेडिकल टर्म होता है। इसके मुताबिक, अगर एक ही व्यक्ति में दो या अधिक प्रकार की बीमारियां हों तो उसे कोमोरबिडिटी कहते हैं। मान लीजिए, किसी भी मरीज में हाई ब्लड प्रेसर और डायबिटीज की बीमारी है तो उसे कोमोरबिडिटी के दायरे में रखा जाएगा। डॉक्टरों की ओर से गंभीर बीमारी वाले मरीजों को इस दायरे में रखा जाता है। दिल्ली में जिन 14 बच्चों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, उनमें कोरोना के साथ-साथ अन्य गंभीर बीमारियां हैं। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। नोएडा में भी किसी भी प्रकार की बीमारी से जूझ रहे बच्चों में कोरोना न हो जाए, इसकी चिंता अभिभावकों को सताने लगी है।
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