वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी मंदिर (gyanvapi mosque kashi vishwanath dispute) में नियमित दर्शन को लेकर दाखिल याचिका पर सिविज जल (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत (varanasi court) ने वकील कमिश्नर नियुक्त कर रिपोर्ट तलब की है। वकील कमिश्नर अजय मिश्र 19 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर का दौरा करेंगे। अदालत में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
नई दिल्ली निवासी राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से सिविल जज की अदालत में वाद दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद के पार्श्व भाग में स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के साथ 1993 के पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है। यह भी अनुरोध किया गया है कि शृंगार गौरी और आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रह की यथास्थिति रखी जाए।
वाद में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है। वाद की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता मदनमोहन, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
सिविल जज की अदालत ने शृंगार गौरी की वर्तमान स्थिति जानने के लिए नियुक्त वकील कमिश्नर अजय मिश्र को आदेश दिया है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में मौके की आख्या तैयार कर रिपोर्ट दाखिल करें। अदालत ने यह भी कहा है कि पूरी कार्रवाई की विडियोग्राफी करवाई जाए। इस दौरान सुरक्षा बल तैनात करने का भी आदेश दिया गया है।
इससे पहले स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की ओर से दाखिल मुकदमे की सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) की अदालत ने बीते साल ज्ञानवापी परिसर का रेडार तकनीक और खोदाई के जरिए पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इन दिनों सुनवाई चल रही है।
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