यूपी की जेलों में बंदियों का व्यवहार और मनोदशा बदलने के लिए महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र का पाठ शुक्रवार से शुरू करा दिया गया है। सुबह की दिनचर्या शुरू होने से पहले और शाम को सोने से पहले पब्लिक एड्रेस सिस्टम से पाठ सुनाया जा रहा है। इससे बंदी भी आनंदित होने लगे हैं।
प्रभारी डीआईजी जेल वीके सिंह ने बताया कि कारागार और होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जेल में बंदियों में बदलाव के लिए नई व्यवस्था की है। उन्होंने बंदियों को गायत्री मंत्र का पाठ या महामृत्युंजय मंत्र सुनाने के निर्देश दिए हैं। इस पर आगरा की केंद्रीय और जिला जेल में गायत्री मंत्र का पाठ सुनाया जा रहा है। सुबह तकरीबन 5:30 बजे बैरक खुल जाती हैं।
सुबह और शाम को होता है मंत्रों का पाठ
इस दौरान ही पाठ सुनाया जाता है। वहीं शाम को छह बजे बैरक बंद की जाती है। सोने से पहले बंदियों को पाठ सुनाया जाता है। इसके पीछे मकसद बंदियों का व्यवहार बदलना है, जिससे जेल से बाहर जाने के बाद वो अपना जीवन सुधार सकेंगे। उनकी मनोदशा भी बदल सकेगी। वह अन्य लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे।
आगरा की जेलों में 4700 से अधिक बंदी
आगरा की केंद्रीय जेल में 1700 और जिला जेल में तीन हजार से अधिक बंदी हैं। बंदियों के जीवन में सुधार के लिए समय-समय पर रोजगारपरक कोर्स भी चलाए जाते हैं।
More Stories
Lucknow की ‘लेडी डॉन’ ने आईएएस की पत्नी बनकर महिलाओं से ठगी की, 1.5 करोड़ रुपये हड़पे
पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना में मप्र में 22 बांधा, एमपी के 13 सौंदर्य को मिलेगा फायदा
झारखंड में भाजपा ने 30 बागी प्रत्याशियों को पार्टी से निकाला