लखनऊ: बीजेपी ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एमएलसी यशवंत सिंह (MLC Yashwant Singh) को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र से बीजेपी कैंडिडेट अरुण कुमार यादव (BJP MLC Candidate Arun Kumar Yadav) के खिलाफ बेटे विक्रांत सिंह उर्फ रिशू (Vikrant Singh aka Rishu) को चुनाव लड़ाना यशवंत सिंह को भारी पड़ गया।
फूलपुर से पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव को बीजेपी ने एमएलसी कैंडिडेट बनाया है। वहीं, यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह ने निर्दल पर्चा भर दिया था। ऐसा माना जा रहा था कि विक्रांत अपना पर्चा वापस ले लेंगे, लेकिन उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया। इसके बाद एमएलसी यशवंत सिंह पर कार्रवाई की गई।
यशवंत सिंह को सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। योगी के 2017 में सीएम बनते ही उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। यही नहीं बीजेपी ने सबको दरकिनार करते हुए यशवंत सिंह को एमएलसी का टिकट दिया था। यशवंत सिंह सपा से पहले बसपा में भी रहे हैं। यशवंत सिंह ने 1996 में बसपा और बीजेपी की गठबंधन की सरकार बनवाई थी। दोनों पार्टियों में 6-6 महीने सरकार चलाने का समझौता हुआ था, लेकिन 6 महीने बाद बसपा ने हाथ खील लिए थे और गठबंधन टूट गया था।
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