Ranchi: झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम से झामुमो ने नाराजगी जतायी है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के सीनियर लीडर और विधायक प्रो स्टीफन मरांडी ने कहा कि लोबिन 1932 के खतियानी को लेकर अलग अलग प्लेटफॉर्म पर बात कर रहे हैं. कायदे से यह सब बातें पार्टी फोरम में बोलनी होती हैं. सदन में भी कौन किस विषय पर बोलेगा, पार्टी पूर्व से तय करती रही है. अभी लोबिन उनके विधानसभा क्षेत्र में उनका पुतला दहन कर रहे हैं.
लोबिन के चलते वे अपने क्षेत्र में आगे चुनाव हार जायेंगे, ऐसा संभव नहीं. पर लोबिन का 32 के खतियानी को लेकर संताल में की जा रही एक्टिविटी गैर अनुशासनात्मक है.
लोबिन सहित और एकाध विधायक भाजपा जैसी पार्टियों के बहकावे में हैं. उस पार्टी के साथ बैठक कर रहे हैं. झामुमो पार्टी को इस पर एक्शन लेने की जरूरत है.
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आसन पर आरोप ठीक नहीं
स्टीफन मरांडी ने कहा कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान लोबिन ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिये जाने का आरोप लगाया था. सभापति के तौर पर आसन पर बैठने वालों को सदन की गरिमा का ख्याल रखते हुए संचालन करना होता है. व्यक्ति विशेष को ही प्रश्रय नहीं दिया जा सकता. ऐसे में सभापति पर बोलने का मतलब आसन पर भी सवाल उठाना है. उस पर ऊंगली करना है जो अनुचित है.
स्टीफन ने कहा कि लोबिन 1932 के खतियानी पर भ्रामक तरीक से बात कर रहे. खतियानी पर केवल वही नहीं बोल रहे. और भी लोग हैं. पर लोबिन भाजपा के साथ बैठकर सारी बातें कर रहे.
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राज्य में खतियानी का मसला 2005 तक का है. ऐसे में मूलवासी आदिवासी की भावनाओं पर गंभीरता से बात करनी होगी. पर जानबूझकर एक गंदा माहौल बनाया जा रहा है. उन पर लोबिन खामखाह दोष दे रहे हैं.
गुरूजी की फोटो रखकर और उनसे परमिशन मिलने की बात कह कर मीटिंग और पूतला दहन कर रहे जो सही नहीं है. यह पार्टी के खिलाफ काम है. अपरिपक्वता की निशानी है.
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सीता पर भी चिंता
पार्टी ने सीता सोरेन के राजभवन जाने के मसले पर भी नाखुशी जाहिर की है. स्टीफन ने कहा कि वे आम्रपाली प्रोजेक्ट और अन्य विषयों को उठा रही हैं. पर राज्य में और भी पाली हैं जिनकी चिंता राज्य सरकार कर रही.
लोबिन, सीता समेत अन्य विधायकों को चाहिये कि वे भाजपा के बहकावे में आने की बजाये पार्टी में बात रखें. ऐसा नहीं करने पर पार्टी फोरम से उचित कार्रवाई की जानी चाहिये.
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