सार
राधा नाम की महिला दहेज हत्या के आरोप में नवंबर 2020 से आगरा जिला जेल में निरुद्ध थी। वह हर पेशी पर अपने साथ लड्डू गोपाल लेकर आती थी। जेल में भी वह पूजा-पाठ करती थी।
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आगरा के कमला नगर की रहने वाली महिला राधा भतीज बहू की दहेज हत्या के आरोप में नवंबर, 2020 से जेल में निरुद्ध थीं। उसके साथ भतीजा सोनू भी था। राधा हर पेशी पर लड्डू गोपाल की मूर्ति को अपनी गोद में लेकर आती थीं। गुरुवार को अपर जिला जज नीरज गौतम ने ठोस साक्ष्य के अभाव में राधा और उसके जेठ के बेटे (मृतका के पति) सोनू को बरी कर दिया।
12 गवाह हुए थे पेश
एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि केस में तकरीबन 12 गवाह पेश किए गए, जिसमें अधिकांश गवाह बयान से मुकर गए। इस पर पक्षद्रोही हो गए। खुशबू और उसकी छोटी बहन कामिनी की शादी सोनू और उसके छोटे भाई कुलदीप त्यागी के साथ हुई थी। छोटी बहन कामिनी की गवाही अहम रही।
उसने बयान में कहा कि उसकी बड़ी बहन खुशबू मेरे सामने सीढ़ी से गिर गई थी, जिससे उसके गंभीर चोट लगी। कुछ दिन पहले ही वो मायके गई थी। वहां कड़ाही के तेल से जल गई थी। खुशबू को ससुराल के किसी भी सदस्य ने नहीं मारा-पीटा है।
गवाहों से लंबी जिरह हुई। कोर्ट ने ठोस साक्ष्य के अभाव में राधा और उनके भतीजे सोनू को बरी कर दिया। साथ ही केस के वादी एवं मृतका खुशबू के ताऊ हरिकिशन निवासी इरादतनगर को बयान से मुकरने पर प्रकीर्ण वाद दर्ज कर नोटिस जारी किया है।
यह था मामला
इरादतनगर के नौहारिका निवासी हरिकिशन ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि भतीजी खुशबू की शादी वर्ष 2016 में सोनू से की थी। सोनू के चाचा भगवान सिंह धौलपुर के गांव बमचौली, मनिया निवासी थे। भगवान सिंह की मौत के बाद सोनू चाची राधा के साथ कमला नगर में रहने लगा। खुशबू साथ रहती थी।
आरोप लगाया था कि दहेज की मांग को लेकर सोनू खुशबू से मारपीट करता था। परेशान होकर खुशबू मायके आई। तीन अगस्त, 2020 को सोनू और राधा आए और उत्पीड़न नहीं करने का आश्वासन देकर खुशबू को ले गए।
आरोप था कि 23 नवंबर, 2020 को खुशबू के साथ पुन: मारपीट की गई। 27 नवंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में सोनू और उसकी चाची राधा को 28 नवंबर, 2020 को जेल भेजा गया। राधा को जब जेल से कोर्ट परिसर में लाया जाता था तब उनके हाथ में लड्डू गोपाल भी रहते थे।
विस्तार
आगरा के कमला नगर की रहने वाली महिला राधा भतीज बहू की दहेज हत्या के आरोप में नवंबर, 2020 से जेल में निरुद्ध थीं। उसके साथ भतीजा सोनू भी था। राधा हर पेशी पर लड्डू गोपाल की मूर्ति को अपनी गोद में लेकर आती थीं। गुरुवार को अपर जिला जज नीरज गौतम ने ठोस साक्ष्य के अभाव में राधा और उसके जेठ के बेटे (मृतका के पति) सोनू को बरी कर दिया।
12 गवाह हुए थे पेश
एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि केस में तकरीबन 12 गवाह पेश किए गए, जिसमें अधिकांश गवाह बयान से मुकर गए। इस पर पक्षद्रोही हो गए। खुशबू और उसकी छोटी बहन कामिनी की शादी सोनू और उसके छोटे भाई कुलदीप त्यागी के साथ हुई थी। छोटी बहन कामिनी की गवाही अहम रही।
उसने बयान में कहा कि उसकी बड़ी बहन खुशबू मेरे सामने सीढ़ी से गिर गई थी, जिससे उसके गंभीर चोट लगी। कुछ दिन पहले ही वो मायके गई थी। वहां कड़ाही के तेल से जल गई थी। खुशबू को ससुराल के किसी भी सदस्य ने नहीं मारा-पीटा है।
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