कोरोना काल में विद्यालय बंद रहने के दौरान यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को पढ़ाई में अपेक्षाकृत अधिक समस्या हुई। ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए इनके पास एंड्राइड फोन व इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। विद्यालय खुलने के बाद शिक्षकों ने विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी पढ़ाई का स्तर पता किया, जहां समस्या थी, उसकी तैयारी कराई गई। विद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों से अतिरिक्त कक्षाएं लगवाईं। नतीजा यह रहा कि विद्यार्थियों ने घरेलू वार्षिक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। बोर्ड परीक्षार्थियों के भी मन में अच्छा करने का विश्वास पैदा हुआ।
नोट्स उपलब्ध कराने के साथ टेस्ट भी ले रहे थे शिक्षक
एमडी जैन इंटर कॉलेज के 10वीं के छात्र धनीराम ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान शिक्षक नोट्स उपलब्ध कराने के साथ टेस्ट भी ले रहे थे। पढ़ाई में निरंतरता बनी रही। कुछ टॉपिक कम समझ में आए तो उन्हें विद्यालय खुलने पर शिक्षकों से समझ लिया गया। पाठ्यक्रम पूरा होने से परीक्षा के प्रति विश्वास बढ़ा।
शिक्षकों ने सभी समस्याओं का समाधान कराया
10वीं के छात्र विजय चौहान ने कहा कि कोरोना में विद्यालय बंद होने पर शिक्षकों ने व्हाट्सएप ग्रुप में नोट्स उपलब्ध कराए। इससे पढ़ाई की गई। जब विद्यालय खुल गए, शिक्षकों ने पूछकर सभी समस्याओं का समाधान कराया, इससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी अच्छी हो सकी।
अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर पाठ्यक्रम पूरा कराया
फतेहाबाद के जनता इंटर कॉलेज के 12वीं के छात्र चंदन सिंह ने कहा कि विद्यालय समय के अलावा शिक्षकों ने अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर पाठ्यक्रम को पूरा कराया। मेरे पास फोन नहीं था, ऑनलाइन पढ़ाई भाई के फोन से की। यू-ट्यूब पर उपलब्ध शिक्षण सामग्री से भी पढ़ाई में मदद मिली।
शिक्षकों ने समझी परेशानी, खूब समय दिया
12वीं के छात्र श्याम सुंदर ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई जरूर की, सभी पाठ्यक्रम समझ में नहीं आए। विद्यालय खुलने के बाद शिक्षकों ने परेशानी समझी और खूब समय दिया। इससे पाठ्यक्रम पूरा होने के साथ अच्छे से तैयार भी हो गया।
महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को शिक्षकों ने फिर से पढ़ाया
जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एसके सिंह ने कहा कि सभी शिक्षकों के पास एंड्राइड फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं थी। इस तरह के विद्यार्थियों को चिह्नित कराया गया। उनकी पढ़ाई का स्तर पता करके महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को पढ़वाया गया। प्रयास का असर दिखा, बोर्ड परीक्षा के प्रति विद्यार्थियों में उत्साह पैदा हो गया।
कमजोर छात्रों को अलग से पढ़वाया गया
एमडी जैन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जीएल जैन ने कहा कि कोरोना काल में विद्यार्थियों की परिस्थिति अलग-अलग रहीं। विद्यालय खुलने के बाद विद्यार्थियों का पढ़ाई का स्तर पता कराया गया और कमजोर छात्रों को अलग से पढ़वाया गया। वार्षिक परीक्षा में विद्यार्थियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। बोर्ड परीक्षार्थियों का भी परिणाम अच्छा रहने की उम्मीद है।
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