प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव के बाद 2022 में बीजेपी ने फिर से इतिहास दोहराया है और पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बना ली है। नई सरकार के मंत्रिमंडल के गठन में प्रयागराज के नंद गोपाल नंदी भी 2017 के बाद 2022 में फिर से यूपी कैबिनेट मिनिस्टर बनाए गए हैं। प्रयागराज के बहादुरगंज इलाके के रहने वाले नंद गोपाल नंदी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। नंद गोपाल नंदी का जन्म 23 अप्रैल 1974 को हुआ। नंद गोपाल नंदी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। मां विमला देवी घर में सिलाई-बुनाई करती थीं। इनके दो भाई हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण नंदी सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़ सके।
बचपन आर्थिक तंगी से भरा रहा
प्रयागराज के रहने वाले नंद गोपाल नंदी का बचपन काफी कष्ट भरा रहा, क्योंकि आर्थिक तंगी के चलते इनको कई काम करने पड़े। घर में आर्थिक तंगी की वजह से हाईस्कूल के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। बचपन से इनमें एक जुझारू रूप नजर आता था। घर की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाई और एक-एक पैसा इकट्ठा कर एक टीवी खरीदी। इलाके में सबसे पहले उनके घर में टेलीविजन आया तो बच्चों को पचास पैसे में उन्होंने महाभारत भी दिखाई। यही नहीं ऐसा कहा जाता है कि पुराने बोरे को भी बेचने का काम मंत्री नंद गोपाल नंदी कर चुके हैं। अपनी आर्थिक स्थिति सुधरने पर 1992 में मिठाई की दुकान लगाई। उसके बाद इनकी तरक्की का कारवां चल पड़ा। कुछ दिन बाद ही उन्होंने एक ट्रक लिया और फिर घी और दवाओं की एजेंसी खोलकर अपना काम शुरू किया। साल 1994 में रिश्तेदार के साथ ईंट-भट्टे का बिजनेस शुरू किया। आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर नंदी ग्रुप ऑफ कंपनीज बनाई। आज के समय में 11 पैसे के तरसने वाले नंद गोपाल नंदी कई कंपनियों के मालिक हैं और अपनी आर्थिक स्थिति अपने मेहनत के चलते मजबूत कर ली है।
नाम- नंद गोपाल गुप्ता नंदी
पत्नी- अभिलाषा गुप्ता (मेयर)
उम्र- 48 साल
पिता- सुरेश चंद्र
माता- विमला देवी
बेटे- अभिषेक व नमन
बेटी- जान्हवी
बीएसपी ने दी थी नंदी को पहचान
नंद गोपाल नंदी ने यह कभी नहीं सोचा था कि वह भी एक दिन विधायक बनेंगे। कभी बिजनेस में अपने भाग्य को आजमाने वाले नंद गोपाल नंदी ने चुनावी मैदान में साल 2007 में अपनी किस्मत आजमाई और वर्ष 2007 में बसपा के साथ मिलकर सियासी पारी खेलने उतरे नंदी ने शहर दक्षिणी से चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता केशरी नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को साल 2007 के विधानसभा चुनाव में पटकनी देकर जीत हासिल की। इस जीत पर बसपा की सुप्रीमो मायावती ने नंद गोपाल नंदी को मंत्री के पद से नवाजा। हालांकि, 2012 के बाद 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हो गए और सपा विधायक परवेज अहमद टंकी को हराकर एक बार फिर कैबिनेट मंत्री का पद हासिल किया। 2014 लोकसभा चुनाव में मंत्री नंदी कांग्रेस के टिकट से इलाहाबाद के प्रत्याशी रहे और एक लाख से अधिक मत हासिल किया। इसे देखते हुए कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उन्हें मंडल प्रचार प्रभारी बनाया।
मंत्री रहते हुए हुआ जानलेवा हमला
साल 2022 में मंत्री बनाए गए नंद गोपाल नंदी का बहुत तेजी से राजनीति में कद बढ़ता रहा। नंद गोपाल नंदी पर मंत्री रहते हुए रिमोट बम से हमला भी किया गया। हालांकि, इस हमले में वह बाल-बाल बच गए। साल 2012 के चुनाव में नंदी सपा प्रत्याशी हाजी परवेज अहमद से 414 मतों से पराजित हुए। इसके बाद उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में महापौर चुनी गई। 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से मंत्री नंदी पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया। मंत्री नंदी ने इस बार भी चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी रईस शुक्ला को 26,417 मतों से पराजित करते हुए एक बार फिर प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। मंत्री नंदी को 97487 मत मिले तो वहीं सपा प्रत्याशी रईस शुक्ला को 71070 वोट मिले।
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