देश-दुनिया पर मंडरा रहे जल संकट से उबरने के लिए हर साल ‘विश्व जल दिवस’ मनाया जाता है। इसके तहत लोगों को जल के महत्व और समय रहते उसके संरक्षण की उपियोगिता के बारे में जागरुक किया जाता है। इसके लिए नाटक, कविताओं, भाषण, पोस्टर, तस्वीरों और स्लोगन आदि माध्यमों का सहारा लिया जाता है। इसके लिए हर साल एक थीम तैयार की जाती है।
इस साल की थीम ‘IGRAC’ यानी ‘इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंटर’ द्वारा प्रस्तावित ‘Groundwater: Making The Invisible Visible’ है।जल संरक्षण की परिभाषा जल संरक्षण पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने और इसके अपव्यय या अनावश्यक उपयोग को कम करने की एक प्रथा या नीति है।जल संरक्षण का महत्व दुनिया भर में असमान जल वितरण है कहीं भरपूर मात्रा में पानी है तो कहीं बारिश के साथ-साथ भूजल की भी कमी है।
जिसकी वजह से अधिकांश आबादी को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। अगर आने वाली पीढ़ी को हम स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराना चाहते हैं तो हमें अभी से चेतने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें कुछ खास बातों को ध्यान में रखना होगा।1.पानी पीते समय गिलास को जूठा नहीं करना चाहिए। एक व्यक्ति के दिनभर में हुए जूठे गिलास को धोने में करीब 20 लीटर पानी हर दिन खर्च हो जाता है, जिसे बचाया जा सकता है।
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