संदीप तिवारी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में विवादों के चलते सबसे चर्चित पति-पत्नी की जोड़ी एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गई है। दरअसल, सोमवार को पूर्व मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) ने अपने पति दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) से तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है। जानकारी के मुताबिक, स्वाति सिंह की दी गई अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट श्रुति श्रीवास्तव ने आर्डर रिजर्व कर दिया है। स्वाति सिंह ने साल 2012 से चल रहे तलाक के केस को दोबारा शुरू करने के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दी है। इससे पहले स्वाति सिंह ने अपने पति दयाशंकर से अलग होने के लिए 2012 में तलाक की याचिका दाखिल की थी, लेकिन साल 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस बंद कर दिया था।
दयाशंकर ने छात्र राजनीति से शुरू किया राजनीतिक सफर
दयाशंकर सिंह मूलरूप से बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं। दयाशंकर सिंह की पढ़ाई और शुरुआती राजनीति बलिया से ही शुरू हुई है। दयाशंकर सिंह का जन्म 1972 में हुआ था और उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में कॉलेज के दिनों में एबीवीपी के सदस्य थे। 1997 से लेकर 1998 तक दयाशंकर लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहे। इसके बाद 1998 से 1999 तक वह अध्यक्ष भी रहे। हाल ही में दयाशंकर सिंह ने विधानसभा चुनाव 2022 में बलिया से जीत दर्ज की है।
2008 में स्वाति सिंह ने पति के खिलाफ दर्ज कराई थी FIR
स्वाति सिंह के मंत्री बनने से पहले ही उनके दयाशंकर सिंह से रिश्ते खराब थे। जानकारी के मुताबिक, साल 2008 में स्वाति ने पति दयाशंकर के खिलाफ मारपीट की FIR भी दर्ज कराई थी। हालांकि, दोनों ने कभी इस झगड़े को सार्वजनिक मंच पर सामने नहीं आने दिया। इससे पहले स्वाति सिंह पर भाभी के साथ मारपीट करने, बिना तलाक लिए भाई की दूसरी शादी कराने और भाभी को घर से निकालने का आरोप लगा था। स्वाति के खिलाफ मुकदमा उनके अपने सगे भाई की पत्नी आशा सिंह ने दर्ज कराया था। इसके अलावा अभी हाल ही में स्वाति सिंह का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने पति दयाशंकर सिंह पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे।
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