पांच दिन पूर्व पत्योरा गांव से लापता हुए कानपुर निवासी मामा, भांजे की हत्या कर दी गई। झंझरिया जलाला गांव के पास बीच जंगल में कुएं में बुधवार शाम उनकी बाइक और शव पड़े मिले। मृतक प्रिया शर्मा ने आरोप लगाया कि सुमेरपुर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस उसे टरकाती रही और दोहरा हत्याकांड हो गया। पुलिस अगर तत्काल सक्रियता दिखाती तो शायद हत्या न होती। प्रिया शर्मा ने आरोप लगाया कि चार दिनों तक वह थाना पुलिस के चक्कर लगाती रही। पुलिस उसे कानपुर की घटना होने की बात कहकर टरकाती रही। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर भाई व भतीजे की तलाश कराने की गुहार लगाई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने जांच तेज की। इस पर बुधवार को भाई व भतीजे के शव कुएं से बरामद हुए।
परिवार की माली हालत ठीक नहीं
परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। प्रिया शर्मा ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद पिता घर में रहने लगे थे। पिता के इलाज में लाखों रुपये लगा दिए लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं हुई। पिता की मौत के बाद उनकी आर्थिक स्थिति और बदतर हो गई। भाई मयंक ही परिवार का भरण पोषण करता था। कई माह से उन्होंने मकान का किराया भी नहीं दिया है।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं मुकदमे
आरोपी संतराम के पिता शंकरी निषाद का आपराधिक इतिहास पुराना है। शंकरी दस्यु सरगना भाऊ सिंह, गजराज सिंह व रामकरन के गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। इसके खिलाफ सुमेरपुर थाने में हत्या, लूट, डकैती सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं। वहीं संतराम पर फतेहपुर के चांदपुर थानाक्षेत्र के धाना निवासी मामा रामस्वरूप के साथ मिलकर गांव में बिरादरी के एक केंद्रीय मंत्री के नाम पर ग्रामीणों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये का हेरफेर का आरोपी है। एसपी ने बताया कि 250-300 लोगों को सिलाई मशीन देने व आवास दिलाने के नाम पर 19 लाख रुपये के लेनदेन का विवाद है। रामस्वरूप के जमीन व ट्रैक्टर गिरवी रखे जाने की जानकारी मिली है।
9 मार्च को भी बुलाया था, घर पर ही की हत्या
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने मयंक को 9 मार्च को भी बुलाया था। मगर उस दिन वह वारदात को अंजाम नहीं दे सके थे। इसलिए तीन दिन बाद दोबारा बहाने से बुलाया। आरोपियों ने दोनों को घर में ही मार दिया था। उसके बाद दोनों के शव अलग-अलग बोरे में भरे। उसके बाद कुएं में शव फेंक दिए। बाइक को तोड़कर कुएं में ही डाल दिया था।
शातिर अपराधी हैं आरोपी, केंद्रीय मंत्री के नाम पर की ठगी
हत्यारोपियों का आपराधिक इतिहास है। आरोपी शंकरी डकैत भाऊ सिंह, गजरात सिंह व रामकरन के गिरोह में रहा है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती के कई केस दर्ज हैं। संतराम व रामस्वरूप के साथ मिलकर एक केंद्रीय मंत्री के नाम पर ग्रामीणों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये की ठगी की थी। एसपी ने बताया कि करीब 250 से 300 लोगों को सिलाई मशीन देने व आवास दिलाने के नाम पर 20 लाख की ठगी की थी।
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