सार
इस बार यूपी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा 255 सीटों पर जीत हासिल की। समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आईं। अपना दल (सोनेलाल) के 12, आरएलडी के आठ, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह-छह प्रत्याशी जीते।
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यूपी विधानसभा में इस बार कई तरह की विविधताएं दिखाई देंगी। पहली बार रिकॉर्ड 47 महिलाएं विधायक चुनी गईं हैं। दूसरी ओर 91% ऐसे प्रत्याशी चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं, जिनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। हालांकि, कुछ ऐसे भी विधायक हैं जो काफी गरीब हैं। इनके पास खुद का घर भी नहीं है। ये तो ओवरऑल विधायकों की रिपोर्ट हुई।
अब हम आपको दस ऐसे विधायकों के बारे में बताएंगे, जो कर्ज में डूबे हुए हैं। ये कर्ज भी थोड़ा बहुत नहीं है, बल्कि करोड़ों में है। देखिए इसमें किस-किस पार्टी के कौन विधायक शामिल हैं…
1. राकेश पांडेय (समाजवादी पार्टी) : अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट से विधायक चुने गए समाजवादी पार्टी के राकेश पांडेय पर सबसे ज्यादा कर्ज है। राकेश ने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में बताया है कि उनके ऊपर 23 करोड़ रुपये का कर्ज है। राकेश की कुल संपत्ति 63 करोड़ रुपये है।
2. अमित अग्रवाल (भारतीय जनता पार्टी) : मेरठ कैंट से भाजपा के विधायक अमित अग्रवाल कर्जदार विधायकों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं। अमित पर कुल 13 करोड़ का कर्ज है। वहीं, ओवरऑल संपत्ति देखें तो इनके पास कुल 148 करोड़ से ज्यादा की दौलत है।
3. उमाशंकर सिंह (बहुजन समाज पार्टी) : बलिया की रसड़ा सीट से उमाशंकर सिंह ने चुनाव जीता है। उमाशंकर बसपा के इकलौते विधायक चुने गए हैं। कर्जदार विधायकों की सूची में उमाशंकर तीसरे नंबर पर हैं। इन पर कुल 13 करोड़ रुपये का कर्ज है। इनमें 53 लाख रुपये का कर्ज विवादित है। उमाशंकर ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके पास 54 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
4. विकास गुप्ता (भारतीय जनता पार्टी) : फतेहपुर की अयाह शाह सीट से भाजपा के विकास गुप्ता ने चुनाव जीता है। विकास के पास 32 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन वह 12 करोड़ रुपये के कर्ज में भी डूबे हैं।
5. ओम कुमार (भारतीय जनता पार्टी) : बिजनौर की नहटौर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के ओम कुमार ने जीत हासिल की है। सबसे ज्यादा देनदारी वाले विधायकों की सूची में ओम पांचवें नंबर पर हैं। ओम पर कुल 12 करोड़ रुपये की देनदारी है। अगर उनकी संपत्ति के बारे में बात करें तो उनके पास कुल 34 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
6. राकेश सचान (भारतीय जनता पार्टी) : कानपुर देहात के भोगनीपुर से भाजपा के राकेश सचान विधायक चुने गए हैं। राकेश के पास 37 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। हालांकि वह आठ करोड़ रुपये के कर्ज में भी डूबे हैं।
7. सिद्धार्थ नाथ सिंह (भारतीय जनता पार्टी) : योगी सरकार में मंत्री और प्रयागराज के शहर पश्चिमी सीट से चुनाव जीतने वाले सिद्धार्थ नाथ सिंह भी कर्ज में डूबे हुए हैं। सिद्धार्थ नाथ के पास कुल 32 करोड़ रुपये की संपत्ति है, वहीं सात करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
8. अरमान खान (समाजवादी पार्टी) : लखनऊ पश्चिमी से समाजवादी पार्टी के अरमान खान ने जीत हासिल की है। अरमान के पास कुल 14 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि छह करोड़ रुपये की देनदारी भी है।
9. मारिया (समाजवादी पार्टी) : बहराइच के मटेरा सीट से समाजवादी पार्टी की मारिया ने चुनाव जीता है। मारिया के पास कुल 13 करोड़ रुपये की संपत्ति है। मारिया के अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके ऊपर पांच करोड़ रुपये की देनदारी भी है।
10. प्रकाश द्विवेदी (भारतीय जनता पार्टी) : बांदा से भाजपा के प्रकाश द्विवेदी विधायक चुने गए हैं। प्रकाश के ऊपर भी पांच करोड़ रुपये का कर्ज है। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास कुल 27 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
इस बार यूपी में गरीबों की आवाज उठाने के लिए 91% करोड़पति विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। मतलब 403 में से 366 विधायक करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या इससे अधिक की दौलत है। विधायकों की औसतन संपत्ति 8.06 करोड़ रुपये है। 2017 में चुने गए 80% विधायक करोड़पति थे। मतलब इस बार इसमें दस फीसदी का इजाफा हुआ है।
रिकॉर्ड 47 महिला विधायक चुनी गईं
उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार नया रिकॉर्ड बना है। देश की आजादी के बाद ये पहली बार हुआ है, जब 403 सीटों में से 47 पर महिला विधायक चुनी गईं। सही मायने में ये संख्या अभी भी काफी कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि आबादी के मामले में महिला और पुरुष दोनों लगभग बराबर ही हैं। वोट देने के मामले में भी महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं। लेकिन जब विधायक बनने या किसी बड़े पद की बात आती है तो आधी आबादी की संख्या काफी कम हो जाती है। इसके पहले 2017 में सबसे ज्यादा 41 महिलाओं ने जीत हासिल की थी। बाद में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए हुए उप-चुनाव में तीन अन्य महिलाओं ने भी जीत हासिल की थी। इस तरह से मौजूदा समय यूपी विधानसभा में 44 महिला सदस्य हैं। अब ये बढ़कर 47 हो गई है।
विस्तार
यूपी विधानसभा में इस बार कई तरह की विविधताएं दिखाई देंगी। पहली बार रिकॉर्ड 47 महिलाएं विधायक चुनी गईं हैं। दूसरी ओर 91% ऐसे प्रत्याशी चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं, जिनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। हालांकि, कुछ ऐसे भी विधायक हैं जो काफी गरीब हैं। इनके पास खुद का घर भी नहीं है। ये तो ओवरऑल विधायकों की रिपोर्ट हुई।
अब हम आपको दस ऐसे विधायकों के बारे में बताएंगे, जो कर्ज में डूबे हुए हैं। ये कर्ज भी थोड़ा बहुत नहीं है, बल्कि करोड़ों में है। देखिए इसमें किस-किस पार्टी के कौन विधायक शामिल हैं…
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