Ghatshila: आदिवासी मूलवासी विकास परिषद (आमूविप) पोटका का मिलन समारोह रविवार को प्रखंड के सुदूर जामडीह मैदान में आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष निरुप हांसदा ने की. इस अवसर पर खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति पर मंथन किया गया. मौके पर पार्षद हीरामणि मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता सिधेश्वर सरदार,समाजसेवी विभीषण, ग्राम प्रधान अरविंद पाल, खैरा मुंडा, उज्वल मंडल, राजू सरदार, चंदन मंडल, रामेश्वर हेंब्रम सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे एवं अंतिम सर्वे सेटलमेंट को आधार मानकर स्थानीय नीति बनाने की वकालत की.
वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि सही स्थानीय नीति नहीं बन पाने के कारण झारखंड के युवाओं को उनका हक नहीं मिल पा रहा है. नौकरियां दूसरे राज्य के लोग हड़प ले रहे हैं. वक्ताओं ने झारखंड में 14 वर्षों तक शासन करने वाली भाजपा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. कहा कि स्थानीय नीति के नाम पर छल किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में 1985 को कट आफ तय कर बनी स्थानीय नीति को झारखंड के आदिवासी मूलवासियों के हित के विपरीत बताया. सर्वसम्मति से तय किया गया कि राज्य के जिलों में अंतिम सर्वे सेटलमेंट 1932 या 1964 (खतियान) को आधार मानकर स्थानीय नीति वर्तमान सरकार घोषणा करे. इसके लिए हस्ताक्षरित मांगपत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा जाएगा. इस अवसर पर हरिश सिंह भूमिज,कौशिक गोप, अशोक गोप, जयराम हांसदा, शत्रुघ्न सरदार, बासुरी मुंडा, स्वप्न मित्रा, रमाई हेंब्रम, पराव मुर्मू, सालखन सोरेन, पिथो मुर्मू, बुड़ान मुर्मू, श्याम चरण सरदार सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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