Jamshedpur : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया गया. इस टैक्स क्लिनिक में व्यापारियों एवं उद्यमियों के़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में उपस्थित व्यापारी ने बताया कि जीएसटी राज्य कर विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन देने के लिये जमीन से जुड़े कागजात की मांग की जा रही है जो कि जीएसटी के नियम के अनुसार सही नहीं है. जीएसटी नियम के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी बिल तथा रेन्ट एग्रीमेंट के आधार पर रजिस्ट्रेशन देने का प्रावधान है. एक अन्य व्यापारी ने केन्द्रीय जीएसटी विभाग द्वारा बी.आई.एफ.ए. रिपोर्टिंग के नाम पर डीलरों को बेवजह प्रताड़ित किये जाने की बात कही. अधिवक्ता राजेश अग्रवाल ने सुझाव दिया किया कि केन्द्र द्वारा आम बजट में सेक्शन 16(4) में किये गये संशोधन जिसमें कि आई.टी.सी. लेने की अंतिम तिथि 30 नवंबर कर दी गई है को पूर्व के सालों के लिये भी लागू करवाने की मांग की जाय. इसके अलावा एक साल से अधिक अवधि के लिये ब्लॉक आईटीसी को खोलवाने के लिये भी व्यापारियों ने चैम्बर से आग्रह किया.
पीयूष कुमार चौधरी, अधिवक्ता, सचिव, वित्त एवं कराधान ने सभी शिकायतों एवं सुझावों को गंभीरता से लेते हुये आश्वस्त किया कि जल्द ही चैम्बर का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य एवं केन्द्रीय जीएसटी विभाग के आयुक्तों से मिलकर उपरोक्त विषयों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपेगा एवं व्यापारियों को आ रही परेशानियों से विभाग को अवगत करायेगा.
आज के इस टैक्स क्लिनिक में अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, उपाध्यक्ष (वित्त एवं कराधान) दिलीप गोलछा, उपाध्यक्ष (उद्योग) महेश सोंथालिया, सचिव (जनसंपर्क एवं कल्याण) भरत मकानी, सत्यनारायण अग्रवाल, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अधिवक्ता अरूण कुमार के अलावा अन्य व्यापारी एवं उद्यमी सम्मिलित हुए.
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