लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के लिए मंथन शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी संगठन की ओर से मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की तलाश शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बार सरकार में डिप्टी सीएम की संख्या बढ़ सकती है। इनमें एक दलित चेहरा भी शामिल किया जा सकता है। मंत्रिमंडल में कौन से चेहरे शामिल किए जाएंगे, इस पर मुहर दिल्ली में जल्दी ही होने वाली बैठक में लगेगी। इससे पहले संसदीय बोर्ड दो प्रेक्षक तय करेगा। ये प्रेक्षक पार्टी की ओर से सरकार गठन की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर भारी जीत के बाद भाजपा हर वर्ग को साधकर 2024 लोकसभा चुनाव के लिए राह को आसान बनाने की तैयारी में इस मंत्रिमंडल गठन से करेगी।
दलितों की भागीदारी बढ़ेगी
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में पूरी तरह से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन दिखाई पड़ेगा। नए चेहरों में कन्नौज से चुनाव जीते रिटायर्ड आईपीएस असीम अरुण या आगरा ग्रामीण से विधायक बनीं उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा के रणनीतिकारों की योजना है कि दलितों को नेतृत्व में बड़ी भागीदारी दी जाए। दरअसल, इस बार चुनाव में बसपा के कोर दलित वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हुए हैं, इस वजह से अब भाजपा उन्हें अपना बनाने में जुटेगी। इनमें से किसी एक को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है।
राजेश्वर, एके शर्मा भी बनेंगे मंत्री
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी स्वतंत्र देव सिंह, लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से विधायक राजेश्वर सिंह और रिटायर्ड आईएएस और एमएलसी एके शर्मा भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। डिप्टी सीएम केशव मौर्य समेत 11 मंत्री अपनी सीटें नहीं बचा पाए हैं। ऐसे इनकी मंत्रिमंडल में वापसी पर सवालिया निशान है। हालांकि केशव एमएलसी हैं और उनका कार्यकाल भी बाकी है। ऐसे में उन्हें दोबारा मौका मिल सकता है।
अपना दल-निषाद पार्टी को मिलेगी जगह
अपना दल से एमएलसी आशीष पटेल, कायमगंज से विधायक डॉ.सुरभि, प्रयागराज की बारा सीट से विधायक वाचस्पति के अलावा निषाद पार्टी से डा.संजय निषाद, तमुकहीराज से विधायक असीम राय को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। असीम ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को हराया है।
15, 16 या 21 को शपथ की तैयारी
योगी सरकार का शपथ ग्रहण 15, 16 या फिर 21 मार्च को हो सकता है। भाजपा ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि संगठन केंद्रीय नेतृत्व को यह तीन तारीखें भेजेगा। केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि शपथ ग्रहण होली के पहले करवाया जाए या बाद में। कुछ लोगों का मत है कि होली के बाद शपथ होने के बाद सभी मंत्री अपने जिलों में स्वागत समारोह में शामिल होंगे और जनता के प्रति आभार जताएंगे।
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