लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे (UP Chunav Result) आने में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में स्ट्रॉन्ग रूम (Strong Room) के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है तो पुलिस-प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ में एक बार फिर धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन ने आगामी त्योहारों और राजनीतिक पार्टियों, किसान संगठनों व अन्य संभावित धरना-प्रदर्शनों को देखते हुए यह फैसला लिया है। फिलहाल अगले 30 दिनों के लिए इसे लागू किया गया है। बुधवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 9 मार्च से 10 अप्रैल 2022 तक धारा 144 लागू रहेगी। वहीं, कोरोना संक्रमण की वजह से स्विमिंग पूल, वाटर पार्क बंद रहेंगे।
विधान भवन के आस-पास रहेंगी ये पाबंदियां
जेसीपी लॉ एंड आर्डर के आदेश के अनुसार, विधानसभा के आसपास धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। विधानसभा के आसपास ट्रैक्टर ट्राली, घोड़ागाड़ी, बैलगाड़ी, ज्वलनशील पदार्थ, सिलेंडर और हथियार आदि लेकर आवागमन पर भी प्रतिबंध रहेगा। साथ ही सरकारी दफ्तरों, विधानसभा भवन के ऊपर व आसपास एक किलोमीटर के दायरे में ड्रोन से शूटिंग करना पूरी तरह से प्रतिबन्धित होगा। अन्य स्थानों पर भी पुलिस आयुक्त या फिर संयुक्त पुलिस आयुक्त की अनुमति के बिना किसी प्रकार के ड्रोन कैमरे से शूटिंग या फोटोग्राफी नहीं की जाएगी।
कोविड गाइडलाइंस का करना होगा पालन
कोविड गाइडलाइंस के अनुसार, रेस्टोरेंट, होटल, फूड पॉइंटस, सिनेमा हॉल में कोविड-19 हेल्प डेस्क, स्क्रीनिंग की व्यवस्था एवं मास्क का प्रयोग किया जाएगा। वहीं, बंद स्थानों पर एक समय में 200 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक रहेगी। शहर में धारा 144 के दौरान तीस दिन तक किसी भी प्रकार के सामूहिक आयोजनों पर प्रतिबंध होगा। साथ ही लखनऊ में मास्क पहनने को अनिवार्य किया गया है। शहर में किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकलेगा और न ही शाम पांच बजे के बाद एक जगह पर ज्यादा लोग एकत्रित हो सकेंगे। इसके अलावा रात्रि दस से सुबह छह बजे तक किसी तरह की तेज आवाज पर भी पाबंदी रहेगी।
अफवाहें फैलाने पर होगी कार्रवाई
आदेश के मुताबिक, कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडावाटर की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ, कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न रखेगा, जिसका प्रयोग आतंक उत्पन्न करने व किसी हिंसात्मक गतिविधियों में किया जा सके। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति मौखिक या लिखित, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना व ऐसी अफवाहें नहीं फैलाएगा, जिससे शांतिभंग होने की आशंका हो और न ही सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का ऐसा धार्मिक शब्द, प्रतीक चिह्न का प्रयोग करेगा, जिससे किसी भी समुदाय को धार्मिक ठेस पहुंचे। ऐसा करने वालों के खिलाफ उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
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