गाजियाबाद : विधानसभा चुनाव 2022 का रिजल्ट 10 मार्च को आने वाला है। इसे लेकर सोमवार शाम को आए एक्जिट पोल के अनुमानों के चलते मंगलवार को ऑफिसों और बाजारों में लोगों को बहस का मुद्दा मिला गया था। प्रत्याशियों के हार-जीत पर सट्टा लगाने के अलावा लोग अब एक्जिट पोल के आधार पर कैश के साथ लंच और डिनर को लेकर भी शर्त लगा रहे हैं। कोई इस एक्जिट पोल को फिक्स्ड पोल बता रहा था तो कुछ लोग इसे सही बता रहे हैं। अलग-अलग पार्टियों के समर्थकों के बीच कुछ जगह पर गहमागहमी की नौबत तक आ गई।
गांधीनगर की फेमस चाय की दुकान पर चाय पीने आए लोगों के बीच एक्जिट पोल पर ही चर्चा होती रही। बीजेपी समर्थक सुखदेव जहां एक्जिट पोल को सही बता रहे थे, वहीं सपा समर्थक रामशंकर एक्जिट पोल को पूरी तरह से गलत बता रहे थे। उनका कहना था कि दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल को लेकर किए गए इनके एक्जिट पोल भी पूरी तरह से फेल साबित हुए थे। इस बार भी ऐसा ही होगा। घंटाघर बाजार, रमतेराम रोड समेत शहर के अन्य बाजारों में भी दुकानदारों और ग्राहकों के बीच एक्जिट पोल ही चर्चा का विषय बना रहा।
अधिकारियों के भी रहे दो मत
एक्जिट पोल को लेकर सरकारी ऑफिसों के अधिकारियों के भी दो मत देखने को मिले। जीडीए के एक अधिकारी का कहना है कि एक्जिट पोल गले के नीचे नहीं उतर रहा है जबकि एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बीजेपी को लेकर 250 से अधिक से जो एक्जिट पोल आ रहा है, उसके सही होने की पूरी संभावना दिख रही है। सभी अपनी बात के साथ अपना तर्क भी रख रहे थे।
एक्जिट पोल पर लगाई शर्त
राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग एक्जिट पोल के सही और गलत होने को लेकर शर्त भी लगा रहे हैं। किसी ने 5 हजार तो किसी ने 10 हजार रुपये की शर्त लगाई है। शास्त्रीनगर के रहने वाले दो दोस्तों के बीच एक्जिट पोल के सही और गलत होने पर लंच की शर्त लगी है। जबकि राजनगर के एक ऑफिस में काम करने वाले दो सहयोगियों के बीच डिनर की शर्त लगी है।
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