आजमगढ़: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें चरण से पहले अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (bharatiya janata party) को झटका देते हुए सांसद रीता बहुगुणा जोशी (rita bahuguna joshi) के बेटे मयंक जोशी (mayank joshi) को समाजवादी पार्टी (samajwadi party) में शामिल कर लिया है। आजमगढ़ की चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने मयंक जोशी का हाथ पकड़कर उनके सपा में शामिल होने का ऐलान किया। हाल में ही मयंक जोशी ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी से लखनऊ कैंट विधानसभा सीट (lucknow cantt vidhan sabha seat) से टिकट न पाने वाले मयंक जोशी कभी भी समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने का ऐलान कर सकते हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में टिकट बटवारे के दौर में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट सीट से बेटे मंयक जोशी को टिकट दिलाने का काफी प्रयास किया था। यहां तक कि उन्होंने कहा था, अगर बेटे मयंक को कैंट सीट से टिकट मिल जाता है तो वह सांसद पद छोड़ देंगी। लेकिन इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने मयंक जोशी को टिकट नहीं दिया। इससे दोनों की हाईकमान से नाराजगी की खबरें आ रही थीं।
बेटे मयंक जोशी ने साथ बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी
टिकट न मिलने से बीजेपी से नाराज थे मयंक
मयंक जोशी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने मयंक को टिकट न देकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को उम्मीदवार बना दिया। जिससे मयंक जोशी नाराज बताए जा रहे थे और उनसे जुड़ी कई बार खबरे भी आई कि वो जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। आखिरकार उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली।
कौन हैं मयंक जोशी, जिन्होंने 2019 में छोड़ी थी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी
मयंक जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे हैं। उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की। वे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी मां के लिए लगातार प्रचार अभियान में जुटे। रीता बहुगुणा जोशी का दावा है कि मयंक 12 वर्षों से समाजसेवा के कार्यों में जुटे रहे हैं। वे वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए कैंट विधानसभा सीट पर प्रचार अभियान में उतरे थे। उनके बारे में स्थानीय लोगों का भी कहना है कि मयंक मृदुभाषी और हर किसी की सुनने वाले नेता हैं। उनको वर्ष 2019 के विधानभा उप चुनाव में ही टिकट देने की मांग उठी थी। हालांकि, तब पार्टी हाईकमान ने सुरेश तिवारी को टिकट दे दिया।
कैंट विधानसभा सीट पर था रीता बहुगुणा जोशी का दबदबा
डॉ. जोशी इस सीट से वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुरेश तिवारी को करीब 22 हजार वोटों से हरा चुकी हैं। वर्ष 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सपा की प्रत्याशी अपर्णा यादव को 34 हजार वोटों से हराया।
मयंक जोशी और अखिलेश यादव
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